कीर्ति आजाद ने दी अपने बयान पर सफाई, बताया 'बूथ लूटने' का मतलब
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कीर्ति आजाद ने दी अपने बयान पर सफाई, बताया 'बूथ लूटने' का मतलब

कीर्ति आजाद अपने बयान पर सफाई देते हुए दिख रहे हैं. अब वह मीडिया में बूथ लूटने की परिभाषा बता रहे हैं.

कीर्ति आजाद ने बूथ लूटने वाले बयान पर सफाई दी है. (फाइल फोटो)

दरभंगाः बिहार के दरभंगा सांसद कीर्ति आजाद ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. लेकिन कांग्रेस में आते ही उनके बयानों से पार्टी समेत बिहार में सियासत तेज हो गई है. आजाद ने कांग्रेस ज्वाइन करते ही अपने संसदीय क्षेत्र दरभंगा पहुंचे थे. जहां उन्होंने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही कांग्रेसी हैं. जब वह कांग्रेस में थे और 1999 में चुनाव लड़ा था तो पार्टी ने उनके लिए बूथ लूटे थे.

कीर्ति आजाद के बूथ लूटने वाले बयान पर बिहार में सियासत गरम हो गई है. वहीं, उनके बयान की आलोचना की जा रही है. जिसके बाद अब कीर्ति आजाद अपने बयान पर सफाई देते हुए दिख रहे हैं. अब मीडिया में बूथ लूटने की परिभाषा बता रहे हैं.

कीर्ति आजाद ने कहा कि मजाक-मजाक में बूथ लूटने की बात कही थी. और बूथ लूटने का मतलब बूथ मैनेज करना होता है. बूथ लूटने का मतलब यह नहीं है कि बूथ लूटकर वोट डाले गए. यह मैनेजमेंट होता है कि बूथ को कैसे चलाया जाता है. लोगों को कैसे माइल्ड किया जाता है.

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर पहली बार दरभंगा पहुंचे सांसद कीर्ति आजाद का कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. स्वागत कार्यक्रम के दौरान अफरातफरी की स्थिति भी उत्पन्न हो गई. सभा स्थल पर बनाया गया मंच टूट गया. हालांकि इसमें किसी भी नेता को ज्यादा चोटें नहीं आई.

वहीं, कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपनी पत्नी पूनम आजाद को कांग्रेसी परिवार की बेटी बताते हुए कहा, 'उस दौर में नागेंद्र बाबा (नागेंद्र झा) और डॉ साहब (जगन्नाथ मिश्र) के लिए बूथ लूटा करते थे. उस समय तो लूटा जाता था, लेकिन आज के समय में कोई गड़बड़ी नहीं है. मेरे पिता भागवत झा आजाद के लिए भी बूथ लूटा जाता था. 1999 में मेरे लिए भी लूटा गया था बूथ. उस समय इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) नहीं आयी थी.

वहीं, कीर्ति आजाद के बयान के बाद बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा कि कांग्रेस और उनके समर्थित लोग हमेशा ईवीएम पर सवाल उठाते हैं. अब समझ में आ गया कि वह ईवीएम पर सवान क्यूं उठाते हैं. कांग्रेस ने खुद खुलासा किया है कि वह बूथ छापते थे. और ईवीएम जब से आया तब से निष्पक्ष चुनाव होने लगा. इसलिए कीर्ति आजाद ने कांग्रेस में आते ही सार्वजनिक तौर पर कहा कि 'जब वह 1999 में कांग्रेस में थे तो बूथ छापते थे, कांग्रेस उनके लिए बूथ छापते थे. साथ ही यह भी कहा कि बड़े-बड़े नेताओं के लिए कांग्रेस में बूथ छाप कर चुनाव जीतते थे'.