कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
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नई दिल्ली/पटना : लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण का मुद्दा आज भी गूंजा. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि जबतक मामले की जांच खत्म नहीं हो जाती है, लड़कियां वहां सुरक्षित नहीं हैं. उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराया गया है.
वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद जय प्रकाश नारायण ने भी लोकसभा में मामला उठाया. उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के साथ रेप की घटना को राष्ट्रीय शर्म बताया.
Congress MP Ranjeet Ranjan demands CBI inquiry into Muzaffarpur Shelter Home Rape Case, in Lok Sabha, says 'Till the time the inquiry is not completed, it is to be seen that the girls are given proper security.' pic.twitter.com/Vi3PBgulen
— ANI (@ANI) July 24, 2018
पप्पू यादव ने भी उठाया था मामला
इससे पहले सोमवार को मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी यह मामला सदन में उठाया था. पप्पू यादव ने मामले की सीबीआई जांच कराने की बात कही थी.
पप्पू यादव ने पीएमसीएच के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस बात का खुलासा हो गया है कि बालिका गृह में लड़कियों का साथ योन शोषण हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि किन नेताओं और अधिकारियों ने लड़कियों के साथ इस घटना को अंजाम दिया. साथ ही उन्होंने पूछा कि बिहार सरकार बताए कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.
आरजेडी ने बिहार विधानसभा में की सीबीआई जांच की मांग
आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मामले को आरजेडी विधानसभा में उठाएगी. उन्होंने आशंका जतया कि गायब छह बच्चियों को भी हत्या कर छुपा दिया गया है. साथ ही उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि लड़कियों को सप्लाई किया जाता होगा, जिसका विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी जाती होगी.
RJD MP Jay Prakash Narayan Yadav raises the issue of Muzaffarpur Shelter Home Rape Case in Lok Sabha, says 'Ye rashtriya sharm ki baat hai.' pic.twitter.com/ewQHE2JYpc
— ANI (@ANI) July 24, 2018
टाटा इंस्टिट्यूट ने किया था खुलासा
ज्ञात हो कि टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम कोशिश ने बालिकाओं के साथ यौन शोषण और हिंसा का खुलासा किया था. इस मामले में पॉस्को कोर्ट ने मजिस्ट्रेट की नियुक्ति का आदेश दिया था. साथ ही यौन शोषण की शिकार मृत बच्ची का शव खोजने का भी आदेश दिया गया था.