कांग्रेस ने कहा- महागठबंधन में 20-20 सीटों का होगा फॉर्मूला, अन्य दल तय कर लें पार्टी
Advertisement

कांग्रेस ने कहा- महागठबंधन में 20-20 सीटों का होगा फॉर्मूला, अन्य दल तय कर लें पार्टी

कांग्रेस ने महागठबंधन की सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी की तरह 20-20 का फॉर्मूला तय करने की बात कही है.

कांग्रेस ने कहा राष्ट्रीय चुनाव में राहुल गांधी होंगे चेहरा. (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः बिहार महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग बड़ा मुद्दा बनते जा रहा है. वहीं, सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन के छोटे दल दुविधा में है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि फॉर्मूला क्या होगा. वहीं, बड़े नेताओं का कहना है कि फैसला हो गया है. खरमास के बाद इसकी घोषणा की जाएगी. लेकिन कांग्रेस नेता के बयान से यह साफ हो गया है कि अभी सीट शेयरिंग पर बात फाइनल नहीं हुई है. वहीं, कांग्रेस ने महागठबंधन की सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी की तरह 20-20 का फॉर्मूला तय करने की बात कही है.

बिहार कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंह ने कहा है कि महागठबंधन में भी एनडीए की तरह आधे-आधे सीटों को फॉर्मूला तय किया जाना चाहिए. जिसके तहत 20-20 सीट कांग्रेस और आरजेडी आपस में बांटनी चाहिए. वहीं, अन्य दल अपने-अपने हिसाब से तय कर लें कि वह कांग्रेस के साथ रहेंगे या आरजेडी के साथ रहेंगे.

उन्होंने कहा कि जो दल कांग्रेस के साथ होगी उन्हें पार्टी अपनी तरफ से सीट देगी. और जो आरजेडी के साथ दल होंगे उन्हें वह अपनी तरफ से सीट ऑफर करेंगे. उन्होंने कहा कि यह सीट शेयरिंक का आसान तरीका है. ऐसा पहले भी हो चुका है.

वहीं, श्याम सुंदर ने कहा कि चेहरे को लेकर भी बातें साफ है. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बड़ा भाई होगा और विधानसभा चुनाव में आरजेडी बिहार में बड़ा भाई होगा. क्यों कि सभी राज्यों में बड़े भाई की भूमिका में कांग्रेस है इसलिए राष्ट्रीय चुनाव में राहुल गांधी ही चेहरा होंगे. वहीं, स्टेट चुनाव में आरजेडी का चेहरा होगा.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा ने आपस में गठबंधन कर लिया है. वहीं, कांग्रेस को इसमें एंट्री नहीं दी गई है. वहीं, बिहार में भी कांग्रेस को एहसास हो रहा है कि उन्हें महागठबंधन में अधिक सीट लेने में मुश्किल हो सकती है. लेकिन अगर 20-20 का फॉर्मूला होगा तो उन्हें परेशानी नहीं होगी.

हालांकि सवर्ण आरक्षण के मुद्दे पर महागठबंधन में अलग-अलग राय होने के बाद माना जा रहा है कि गठबंधन के बाद भी राह अलग-अलग होगी. क्योंकि आरजेडी द्वारा सवर्ण आरक्षण का विरोध करने के बाद कांग्रेस समेत अन्य दलों को अपने स्टैंड के लिए दुविधा हो रही है. ऐसे में शायद 20-20 सीट का फॉर्मूला तय हो सकता है.