कांग्रेस के प्रवक्ता अजमी बारी ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भगवान राम को पैगंबर का रूप बता दिया.
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आशुतोष चंद्रा, पटना : बिहार में भगवान राम को लेकर सियासत एकबार फिर चरम पर है. जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता और नीतीश सरकार में मंत्री खुर्शीद आलम ने 'जय श्रीराम' जयकारा क्या लगाया, उनके बयान के मायने निकाले जाने लगे हैं. जेडीयू एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने अपनी ही पार्टी के मंत्री के बयान को इस्लाम के खिलाफ माना है. वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता अजमी बारी ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भगवान राम को पैगंबर का रूप बता दिया. वहीं, बीजेपी खुर्शीद आलम के समर्थन में उतर आयी है.
'राम' के नाम पर सियासत की हवा इन दिनों बिहार में खूब चल रही है. कांग्रेस के नेताओं की ओर से हनुमान रथ यात्रा निकालना और हनुमान भजन कीर्तन कार्यक्रम कराने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब जेडीयू नेता खुर्शीद आलम ने 'जय श्रीराम' के जयकारे ने नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है.
खुर्शीद आलम ने अपने क्षेत्र में राम जानकी मंदिर की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा स्थापित किया. साथ ही कलश यात्रा में भी शामिल हुए और इस दौरान 'जय श्रीराम' का नारा भी बुलंद किया. जेडीयू के ही एमएलसी गुलाम रसूल बलयावी ने इसे इस्लाम के खिलाफ माना है.
पूरे मामले में दिलचस्प मोर तब आ गया जब कांग्रेस प्रवक्ता अज्मीबारी से खुर्शीद आलम को लेकर सवाल पूछा गया. अज्मीबारी ने खुलकर उनके इस बयान पर टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन इतना जरुर कह दिया कि देश का हर मुसलमान राम की इज्जत करता है. उन्होंने कहा कि राम मुसलमानों के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि राम पैगम्बर साहब के ही रुप हैं. कांग्रेस नेता ने कहा राम के नाम पर बीजेपी सिर्फ मुसलमानों को डराती रहती है.
वहीं, इस मामले पर आरजेडी ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने इस्लाम का विरोध करने के कारण ही खुर्शीद आलम को मंत्री बनाया है.