पटना घूसखोरी मामले में कॉन्ट्रैक्टर का दावा, जल्द ही छूट जाएगा आरोपी इंजीनियर
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पटना घूसखोरी मामले में कॉन्ट्रैक्टर का दावा, जल्द ही छूट जाएगा आरोपी इंजीनियर

 घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार इंजीनियर के पास से विजलेंस को एक डायरी मिली है. जिसमें कथित रुप से कई पॉलिटिशियन के नाम शामिल होने की बात कही जा रही है.

इंजीनियर के पास से 2 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. (फाइल फोटो)

पटनाः घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार इंजीनियर के पास से विजलेंस को एक डायरी मिली है. जिसमें कथित रुप से कई पॉलिटिशियन के नाम शामिल होने की बात कही जा रही है. लेकिन इसी बीच इंजीनियर के खिलाफ विजलेंस में कंप्लेन करनेवाले कॉन्ट्रैक्टर ने जो खुलासा किया है वो चौकानेवाला है. कॉन्ट्रैक्टर अखिलेश जायसवाल का दावा है कि इंजीनियर सुरेश प्रसाद के दो रिश्तेदार केन्द्र और राज्य सरकार में मंत्री हैं. रसूखदार होने के कारण इंजीनियर दो महीने में ही जेल से छूट जाएगा.

घूसखोरी को लेकर पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर सुरेश प्रसाद की गिरफ्तारी मामले में परत दर परत कई खुलासे हो रहे हैं. चर्चा इसबात की है कि सुरेश प्रसाद के पास से विजलेंस को लाल रंग की डायरी मिली है. इस डायरी में इंजीनियर के कई सफेदपोशों के साथ लेनदेन के जिक्र की चर्चा है. लेकिन इसी बीच इंजीनियर के खिलाफ विजलेंस में कंप्लेन करनेवाले कॉन्ट्रैक्टर ने बडा खुलासा कर दिया है.

साज इन्फ्रा कॉन प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड के सीओओ अखिलेश जायसवाल ने दावा किया है कि  गिरफ्तार इंजीनियर के दो रिश्तेदार मंत्री हैं. एक केन्द्र सरकार में मंत्री है और दूसरे बिहार सरकार में मंत्री हैं. रसूखदार इंजीनियर इनके प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दो महीने में जेल से बाहर आ जाएंगे. इंजीनियर का कोई कुछ नहीं कर सकता. 

कॉन्ट्रैक्टर अखिलेश जायसवाल ने कहा है कि उनके और इंजीनियर के बीच कई मर्तबा फोन पर बात हुई है. जिसमें इंजीनियर ने अपने पॉलिटकल कनेक्शन का जिक्र किया है. साथ ही घूस की रकम उपर तक पहुंचाये जाने की भी बात कही है. तमाम बातचीत के रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर विजलेंस के पास मौजूद हैं. जल्द ही इसका खुलाशा भी हो जाएगा.  

कॉन्ट्रैक्टर ने कहा है कि इंजीनियर सुरेश प्रसाद पूरे प्रोजेक्ट के लिए तीन से चार प्रतिशत तक घूस लेते थे. एकरारनामा के तौर पर कुल रकम का एक प्रतिशत घूस लिया जाता था. मेरा प्रोजेक्ट 40 करोड का था. इंजीनियर की ओर से 40 लाख की घूस मांगी जा रही थी. मैने 2 करोड का मेटेरियल प्रोजक्ट साईट पर डाल दिया था. जब पैसा रिलीज करने बोला तो इंजीनियर ने घटिया मेटैरियल इस्तेमाल का आरोप लगाकर पैसे रोक दिए. जबकि फरवरी से मई महीने तक हुए काम को उसी इंजीनियर ने सही ठहराया था. कॉन्ट्रैक्टर ने इंजीनियर की मनसा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि एक डिविजन में 5 कॉन्ट्रैक्टर काम कर रहे हैं. किसी कॉन्ट्रैक्टर को बिना काम किये 9 करोड़ रुपये रिलिज कर दिये गये. जबकि मैंने काम शुरु कर दिया फिर भी मुझे पैसा रिलीज नहीं किया गया.  

कॉन्ट्रैक्टर ने आरोप लगाया है कि इंजीनियर सुरेश प्रसाद को सरकारी बॉ़डीगार्ड भी मिले हुए हैं. ये जांच का विषय है कि आखिर किस वजह से बॉडीगार्ड इंजीनियर को मिला हुआ है. इंजीनियर बॉडीगार्ड का धौंस भी हमलोगों को दिया करता था. अखिलेश जायसवाल ने कहा है कि मामले को सुलझाने के लिए उन्होंने 19 फरवरी को मंत्री नंदकिशोर यादव से भी संपर्क किया था. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका. और अंत में उन्हें विजलेंस की मदद लेनी पडी. भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानेवाले इंजीनियर ने कहा है कि वो फ्रीडम फाईटर के बटे हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने सर पर कफन बांध लिया है. पूरे मामले को लेकर हमारी टीम ने पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंद किशोर यादव से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन मंत्रीजी से संपर्क नहीं हो सका.