डीसी के द्वारा जांच कराया गया तो कई और चौकाने वाला तथ्य सामने आया. वहीं, मध्यान भोजन के नाम पर हर वर्ष 40-50 हजार रुपए मिलना चाहिए था. लेकिन 10-10 लाख रुपए तक की निकासी की गई.
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लातेहार: सरकार ने समाज के हर तपके के लोगों को स्कूल से जोड़ने से लेकर बच्चों के अच्छा सेहद के लिए मध्यान भोजन योजना (Mid day Meal Scheme) चलाया था. इसका मकसद है कि बच्चे स्कूल से जुड़कर अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकें, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी और स्कूल के मास्टर ने मध्यान भोजन के नाम पर लाखों रूपए अपने और परिजनों के खाते में डाल लिए.
दरअसल, झारखंड के लातेहार जिले के चार स्कूलों से मध्यान भोजन योजना में पैसों का घोटाला किया गया. इसके बाद जांच में पकड़े जाने पर हेडमास्टर अपने बचाव में लगे हुए हैं. वहीं, स्कूल के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गेंदा उराव ने कहा कि हमने स्कूल में मध्यान भोज पिछले कई महीनों बाजार से उधार लेकर चलाया. लेकिन स्कूल के हेडमास्टर से जब बराबर हिसाब और रजिस्टर की मांग की गई तो वे टालते रहे.
गौरतलब है जब डीसी के द्वारा जांच कराया गया तो कई और चौकाने वाला तथ्य सामने आया. वहीं, मध्यान भोजन के नाम पर हर वर्ष 40-50 हजार रुपए मिलना चाहिए था. लेकिन 10-10 लाख रुपए तक की निकासी की गई.
वहीं, लातेहार डीसी जीशान कमर ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी और स्कूल के शिक्षक को बर्खास्त किया जाएगा.