मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में बृजेश ठाकुर सहित 19 लोग दोषी करार, 28 को सजा पर होगी बहस
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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में बृजेश ठाकुर सहित 19 लोग दोषी करार, 28 को सजा पर होगी बहस

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने मुजफ्फरपुर जिले में एक आश्रय गृह में लड़कियों के यौन और शारीरिक हमले के मामले में एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित 19 आरोपी दोषी करार

28 जनवरी को सजा पर होगी बहस.

नई दिल्ली/पटना: राजधानी दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस (Muzaffarpur shelter case) में लड़कियों के यौन और शारीरिक हमले के मामले में एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर सहित 19 आरोपियों को दोषी ठहराया है. 

बता दें कि कोर्ट ने अपने 1546 पन्ने के फैसले में 20 में से 19 लोगों को इस केस में दोषी करार दिया है. इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने कोर्ट में चाजर्शीट दाखिल कर 20 को लोगों को आरोपी बनाया था.

वहीं, कोर्ट ने इस केस में सबूतों के आभाव में एक लोगों को बरी कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, कोर्ट में इस महीने की 28 तारीख को सजा पर बहस होगी. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को रेप, गैंगरेप, जुविनाइल जस्टिस एक्ट और अन्य धाराओ के तहत दोषी करार किया दिया है.

कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर, बालिकागृह की अधीक्षक इंदू कुमारी, बालिकागृह में गृह माता मीनू देवी, बालिकागृह में काउंसलर, मंजू देवी, बालिकागृह में गृह माता चंदा देवी, बालिकागृह में नर्स नेहा कुमारी, बालिकागृह में केस वर्कर हेमा मसीह को 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया है.

इसके अलावा कोर्ट ने बालिकागृह में सहायक किरण कुमारी, रवि कुमार रौशन, सीडब्लूसी का सदस्य विकास कुमार, सीडब्लूसी के अध्यक्ष दिलीप कुमार, ब्रजेश का चालक विजय तिवारी, गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह, डॉ. अश्विनी, साइस्ता परवीन को दोषी करार दिया है. 

वहीं, कोर्ट ने विक्की को सबूतों के आभाव में सभी आरोपों से बरी कर दिया. बता दें कि कोर्ट ने पॉक्सो (POCSO) एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में सभी अभियुक्तों को दोषी करार दिया है.

गौरतलब है कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बालिकाओं के साथ यौन शौषण करने का मामला 2018 में सामना आया था. मामला सामने आने के बाद नीतीश सरकार ने केस में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 

वहीं, केस सामने आने के बाद मेडिकल टेस्ट में करीबन 34 बच्चियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. बहस के दौरान पीड़ितों ने यह भी कहा था कि उन्हें नशीला दवाएं देने के साथ मारा-पीटा जाता था, फिर उनके साथ जबरन यौन शोषण किया जाता था. 

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