Patna University के कॉलेजों की मान्यता पर संकट, NAAC ग्रेडिंग नहीं सुधरा तो नहीं मिलेगा कोई Grant
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Patna University के कॉलेजों की मान्यता पर संकट, NAAC ग्रेडिंग नहीं सुधरा तो नहीं मिलेगा कोई Grant

भारत के सबसे पुराने कॉलेजों में शामिल पटना कॉलेज (Patna College) की मान्यता पर संकट की तलवार लटक रही है.

पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों की मान्यता पर संकट, NAAC ग्रेडिंग नहीं सुधरा तो नहीं मिलेगा कोई Grant.

Patna: भारत के सबसे पुराने कॉलेजों में शामिल पटना कॉलेज (Patna College) की मान्यता पर संकट की तलवार लटक रही है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी (UGC) के नए निर्देशों से न सिर्फ पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) बल्कि यूनिवर्सिटी के कुछ कॉलेजों को भी नुकसान की आशंका है.

हालांकि, यूजीसी (UGC) ने देश के सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को अपना स्तर सुधारने के लिए 2022 तक का वक्त दिया है. दूसरी ओर पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ महीनों में आधारभूत सुविधाओं, शिक्षकों की संख्या बढ़ाकर ग्रेड सुधार लिया जाएगा.

ग्रेड नहीं सुधरा तो हायर एजुकेशन खतरे में होगा
जिस पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) और पटना कॉलेज (Patna College) से पढ़कर छात्र मंत्री, मुख्यमंत्री, आईएएस, आईएफएस (IAS-IFS) बने उस यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों की मान्यता पर संकट खड़े होने लगे हैं. संकट इस मायने में कि अगर पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) के कॉलेजों का ग्रेड नहीं सुधरा तो यहां पर हाईर एजुकेशन (Higher Education) की पढ़ाई आगे जारी नहीं रह सकती है. 

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आने वाला वक्त मुश्किल भरा
पटना यूनिवर्सिटी के पटना कॉलेज में जब साल 2019 में नैक (NAAC) की टीम आई थी तब उसे सी ग्रेड मिला था. पटना कॉलेज (Patna College) के प्रिंसिपल प्रोफेसर अशोक कुमार ने उम्मीद जताई है कि उनके पास वक्त अभी दो साल का समय है. वो समय रहते अपने स्तर में सुधार कर लेंगे, लेकिन वो ये मानते हैं कि अगर टीचरों की कमी का हल नहीं निकाला गया तो आने वाला वक्त मुश्किल भरा होगा.

क्या कहा पटना कॉलेज के प्रिंसिपल ने?
पटना कॉलेज के प्रिंसिपल अशोक कुमार ने कहा कि मैं इतिहास का छात्र हूं. पटना कॉलेज (Patna College) आर्ट्स (Arts) की पढ़ाई के लिए मशहूर है, लेकिन हमारे पास तो पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं हैं. साल 2019 में भी नैक की टीम आई थी और हमें बेहतर अंक नहीं मिला था, लेकिन अब हम बेहतर कर रहे हैं. दूसरी तरफ सच्चाई ये है कि सरकारी प्रयासों के बाद भी हमारे यहां शिक्षकों का संकट बरकरार है.

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NAAC मूल्यांकन को करना होगा अपग्रेड 
दरअसल, यूजीसी (UGC) ने यूनिवर्सिटी और उच्च शिक्षण संस्थानों में बेहतर शिक्षा का माहौल बनाने के मकसद से कुछ नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके मुताबिक जिन शिक्षण संस्थानों को नैक में 2.5 या उससे अधिक अंक हैं वो ही आगे से उच्च शिक्षा दे सकेंगे. यूजीसी के इसी नियम से पटना यूनिवर्सिटी के कॉलेजों को नैक मूल्यांकन (NAAC accreditation) में अपने आप को अपग्रेड (Upgrade) करना होगा.

हालांकि, इसके लिए यूजीसी ने देश की सभी यूनिवर्सिटी (University) को 2022 तक का वक्त दिया है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि दो साल के बाद बिहार के सबसे पुराने पटना कॉलेज की स्थिति क्या रहेगी. न सिर्फ पटना कॉलेज बल्कि यूनिवर्सिटी के दूसरे कॉलेजों को नैक से कितना अंक मिल पाएगा और क्या साल 2022 में इन कॉलेजों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई जारी रहेगी.

आधारभूत संरचना का रोना रो रहा विश्वविद्यालय
पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) के कुलपति प्रोफेसर गिरिश कुमार चौधरी (PU VC Girish Kumar Chaudhary) के मुताबिक, स्थिति में सुधार किया जाएगा. जो भी कमियां हैं उसे दुरुस्त किया जाएगा. गिरिश कुमार चौधरी के मुताबिक, बिहार सरकार से पर्याप्त सहायता मिली है विश्वविद्यालय अपनी पुरानी स्थिति को हासिल करेगा. 

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यूनिवर्सिटी प्रबंधन चाहे कितना भी दावा करे लेकिन हकीकत ये है कि पटना यूनिवर्सिटी (Patna University)  और इसके कॉलेज शिक्षकों औऱ आधारभूत संरचना की कमी से जूझ रहे हैं.

एक नजर पटना यूनिवर्सिटी और इसके कॉलेजों की स्थिति पर

- पटना यूनिवर्सिटी को नैक में बी प्लस ग्रेड मिला है
- बिहार के सबसे पुराने पटना कॉलेज को साल 2019 में नैक के मूल्यांकन में सिर्फ 1.62 अंक यानि सी ग्रेड मिला है
- पटना साइंस कॉलेज को बी-ग्रेड हासिल है और उसे भी अपने आप को अपग्रेड करना होगा
- वाणिज्य कॉलेज के पास अपनी बिल्डिंग न होने से नैक का आवेदन रद्द हो चुका है
- बिहार नेशनल कॉलेज में मार्च में नैक की टीम आने वाली है
- अगर नैक मूल्यांकन में इन कॉलेजों के रैंक नहीं सुधरा तो इसे किसी तरह का ग्रांट रूसा से नहीं मिलेगा

ये स्थिति पटना कॉलेज या पटना यूनिवर्सिटी की तब है जब इसके पूर्ववर्ती छात्र किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तो कोई केन्द्रीय मंत्री हैं.

एक नजर पटना कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्रों पर

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, बिहार के मौजूदा शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी,पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर बीसी राय, जय प्रकाश नारायण, ललित नारायण मिश्र, रामधारी सिंह दिनकर, बिहार केसरी डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह पटना कॉलेज के छात्र रहे हैं. बावजूद पटना यूनिवर्सिटी के कई क़ॉलेज आज आधारभूत सुविधाओं का रोना रोते हैं.

वीसी ने किया स्वीकार, कुछ कॉलेजों की स्थिति में आई गिरावट
पीयू के कुलपति ने कहा कि हमारे यहां कुछ कॉलेजों की स्थिति में गिरावट आई है. लेकिन हमारे पास वक्त है और जिन कॉलेजों की नैक रैंकिंग में कमी आई है उसे सुधार लिया जाएगा.

यूजीसी (UGC) के नए निर्देश उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के मकसद से जारी किए गए हैं.लेकिन ये निर्देश कहीं पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) के कॉलेजों पर भारी न पड़ जाएं.क्योंकि एक तरफ कॉलेजों में बुनियादी ढ़ांचे का अभाव है वहीं नैक से बढ़िया रैंक न मिलने पर यूजीसी से मिलने वाली रकम पर भी ग्रहण लग सकता है.