धरना का नेतृत्व बिहार राज्य दफादार-चौकीदार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामविलास पासवान ने किया. धरना को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि 29 वर्ष बीत जाने के बाद भी दफादार-चौकीदार को एसीपी का लाभ नहीं मिला है.
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लखीसराय: बिहार राज्य दफादार-चौकीदार संघ ने गुरुवार को धरना दिया. कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल पर बिहार राज्य दफादार चौकीदार की जिला इकाई ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर धरना दिया.
इसमें चौकीदार से संवर्ग नियमावली 2019 में कंडिका 8 एवं 9 को विलुप्त कर दफादार- चौकीदार की सेवा जिलाधिकारी (वेतन निलंबन) के अधीन रहने देने तथा वर्ष 1990 से 2014 के पूर्व सेवानिवृत्त दफादार चौकीदार के आश्रितों की बहाली सहित पांच सूत्री मांग शामिल है.
धरना का नेतृत्व बिहार राज्य दफादार-चौकीदार संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामविलास पासवान ने किया. धरना को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि 29 वर्ष बीत जाने के बाद भी दफादार-चौकीदार को एसीपी का लाभ नहीं मिला है. दफदार-चौकीदार को स्वयं उपस्थिति बनाने नहीं दिया जाता है. इतना ही नहीं प्रोन्नति भी नहीं दी जा रही है और उनका शोषण किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि राज्य दफादार-चौकीदार पंचायत द्वारा गृह आरक्षी विभाग के पत्रांक 8895 दिनांक 24 अक्टूबर 19 द्वारा जारी आदेश को स्थाई रूप से लागू करने की मांग करते हैं. साथ ही दफादार-चौकीदार को कैदी ले जाने की ड्यूटी नहीं लगाने की मांग को लेकर हमारा 4 चरण में आंदोलन चलाया जा रहा है.
इसके तहत प्रथम चरण में काला बिल्ला लगाकर कार्य किया गया. दूसरे चरण में दीपावली नहीं मनाई गई है. तीसरे चरण में जिले के तमाम दफादार-चौकीदार 10 नवंबर को सामूहिक अवकाश पर रहें. जबकि चौथे चरण में गुरुवार को समाहरणालय पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है.
पासवान ने कहा कि जग जाहिर है कि हम जिलाधिकारी के अधीन थे तभी पुलिस हमारा शोषण करती थी. आज जब हमारी सेवा पुलिस अधीक्षक के अधीन कर दी गई है तो और जुल्म किया जा रहा है.
प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि दफादार- चौकीदार संघ 25-26 नवंबर को बिहार विधानसभा के समक्ष अपनी मांगों को लेकर धरना देगा तथा 27 नवंबर को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन भी करेगा.