दरभंगा में दो अधिकारियों के बीच स्वाभिमान और वर्चस्व की लड़ाई, DTO ने दिया इस्तीफा
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दरभंगा में दो अधिकारियों के बीच स्वाभिमान और वर्चस्व की लड़ाई, DTO ने दिया इस्तीफा

 बिहार के दरभंगा में दो अधिकारियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. वहीं, स्वाभिमान की लड़ाई में डीटीओ ने पद से इस्तीफा दे दिया है.

कार्यपालक अभियंता दिलीप कुमार और डीटीओ राजीव कुमार

मुकेश/दरभंगाः बिहार के दरभंगा में दो अधिकारियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है. दो अधिकारी जिस तरह से अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. इससे यह साफ हो गया है कि सिस्टम में अधिकारियों को जनता की नहीं बल्कि अपनी पड़ी है. दरभंगा के डीटीओ राजीव कुमार ने त्यागपत्र दे दिया है. वहीं, उन पर मनमानी करने का आरोप लगाकर भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दिलीप कुमार ने कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया.

कार्यपालक अभियंता दिलीप कुमार ने आरोप लगाया है कि डीटीओ ने उनके आवास से गाड़ी को जबरन जब्त कर लिया. उनका कहना है डीटीओ अपने सरकारी आवास में बदलाव करना चाहते थे. लेकिन, नियम के अनुसार वह संभव नहीं था. इसलिए अब वह मनामनी कर मेरे साथ ऐसा कर रहे हैं.

उन्होंने कहा प्रशासनिक आवास संख्या 3 किसी महिला अधिकारी के नाम से आवंटित हुआ है. विभाग के नियम के अनुकूल कोई अधिकारी को जब नया मकान आवंटित होता है तो उसकी मरम्मत और रंग-रोगन नियम के तहत किया जाता है. लेकिन, उक्त आवास को लेकर डीटीओ राजीव कुमार ने मकान के कई हिस्से को तोड़कर फ्रेश बनाने का दबाव दिया. नियम नहीं होने की बात कहने पर धमकी देने लगे, कहा कि जैसा कहता हूं वैसा करना होगा, नहीं तो घर से बाहर निकलना मुश्किल कर देंगे.

इस बीच डीटीओ ने निजी स्तर पर मजदूर लगाकर महिला अधिकारी के आवास को तुड़वाने लगे. यह देख कनीय अभियंता प्रवीण पंडित ने विरोध किया और कहा जिस तरह से मकान को तुड़वाया जा रहा है उसे बनाना संभव नहीं है. विभाग में ऐसा कोई नियम भी नहीं है. यह सुनते ही डीटीओ आपे से बाहर हो गए और उक्त मकान के सामने स्थित कार्यपालक अभियंता दिलीप कुमार के आवास से स्कार्पियो को जब्त कर लहेरियासराय थाने के हवाले कर दिया. इस दौरान कनीय अभियंता प्रवीण कुमार की बाइक को भी जब्त कर ली.

वहीं, डीटीओ राजीव कुमार का कहना है कि भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दिलीप कुमार की गाड़ी इसलिए पकड़ी गई. क्योंकि, उनके गाड़ी में पेपर नहीं था. सभी के लिए नियम एक समान होता है. चाहे वह अधिकारी हो या आम जनता, सभी के लिए एक कानून है.

अब यह मामला तूल पकड़ रहा है, और यह अब राज्य में सिस्टम का मुद्दा बन गया है. डीटीओ राजीव कुमार जो सेना की नौकरी से बिहार प्रसाशनिक सेवा के द्वारा डीटीओ ऑफिसर बने हैं. अब वह इसे अपने स्वाभिमान की लड़ाई बता रहे हैं. और इसी स्वाभिमान को लेकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

डीटीओ राजीव कुमार ने इस्तीफा देते हुए चिट्ठी में सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं. और कहा है कि वह इस सिस्टम में अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर सकेंगे.

डीटीओ की चिट्ठी में लिखा, 'मैं अपने कर्त्वयों का पालन करने में अपने आत्मसम्मान, स्वाभिमान और गरिमा की रक्षा नहीं कर पा रहा हूं. मैं अपनी सेवा में रहने के दौरान ना तो राष्ट्र की सेवा और ना ही अपने पारिवारिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का निर्वहन कर पा रहा हूं. जिस सत्य, न्याय और राज्य के तीव्र विकास की भावना प्रेरित होकर सेना की सेवा से त्याग पत्र देकर मैंने इस सेवा को ग्रहण किया था. वर्तमान परिदृश्य में उसे हासिल कर पाना संभव नहीं प्रतीत हो रहा है.'