बिहार के इस अस्पताल में दहशत में डॉक्टर-स्वास्थ्यकर्मी, कहा-मौत के साए में जी रहे हैं हम!
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बिहार के इस अस्पताल में दहशत में डॉक्टर-स्वास्थ्यकर्मी, कहा-मौत के साए में जी रहे हैं हम!

Samastipur News: जननायक कर्पूरी ठाकुर रेफरल अस्पताल ताजपुर के भवन जर्जर हो चुके हैं.

 

ताजपुर रेफरल अस्पताल के नए बिल्डिंग में कागजी प्रक्रिया की वजह से काम नहीं हो रहा है (सांकेतिक फोटो)

Samastipur: कोरोना वायरस (Corona In Samastipur) की दूसरी लहर में ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. ऐसे में सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है.

इसके इतर, जब सरकार के दावे की पड़ताल की गई तो सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं. जननायक कर्पूरी ठाकुर रेफरल अस्पताल ताजपुर (Referral Hospital Tajpur) की तस्वीर देख कर आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसे जर्जर और बीमार अस्पताल में लोगों को कैसी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो पाती होगी.

अस्पताल के भवन जर्जर हो चुके हैं. यहां काम करने वाले कर्मी उज्ज्वल कुमार का कहना है कि आए दिन छत और दीवार के टुकड़े टूटकर गिरते रहते हैं जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है.

इस अस्पताल में काम करने वाले कर्मी और डॉक्टर दहशत में काम करने को विवश हैं.  हालांकि इसी अस्पताल परिसर में करोड़ों रुपए की लागत से नए भवन भी लगभग बनकर तैयार हैं लेकिन कागजी कार्रवाई को लेकर इस भवन का उपयोग नहीं हो पा रहा है.

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साथ ही यहां काम कर रहे चिकित्सा कर्मियों का कहना है कि प्रशासन द्वारा कागजी कार्रवाई कर जल्द से जल्द नए भवन में चिकित्सा कार्य शुरू करना चाहिए. ऐसा न करने की वजह वह हर रोज डर के साये में काम करते हैं कि पता नहीं कब कोई हादसा हो जाए. गौरतलब है कि महामारी के दौरान जिला के कोरोना मरीजों के लिए रेफरल अस्पताल ताजपुर व समस्तीपुर सदर अस्पताल लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है. 

(इनपुट- संजीव नैपुरी)

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