कांवर यात्रा में सिर्फ 4 दिन बांकी, बिहार सरकार ने दिया राजकीय मेले का दर्जा
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कांवर यात्रा में सिर्फ 4 दिन बांकी, बिहार सरकार ने दिया राजकीय मेले का दर्जा

श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर कांवरिया पथ पर दिए जा रहे बालू की गुणवत्ता देखकर प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार भड़क उठे और पदाधिकारियों को फटकार लगाई.

कांवर यात्रा की तैयरी अंतिम चरण में. (फाइल पोटो)

भागलपुर : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 28 जुलाई से शुरु होने जा रहा है. इस दौरान सुल्तानगंज से 108 किलोमीटर दूर देवघर तक कांवरिया कांवर लेकर पैदल यात्रा करते हैं. बिहार सरकार ने कांवर यात्रा को राजकीय मेला का दर्जा दिया है. सरकार के मंत्री सहित प्रमण्डील आयुक्त, बांका डीएम और एसपी लगातार दौरा कर कांवरिया पथ का जायजा ले रहे हैं. पूरे यात्रा का सर्वाधिक 60 किलोमीटर बांका जिले में पड़ता है.

कांवरीया पथ पर पानी, शौचालय, पथ पर महीन बालू आदि की जांच की जा रही है, ताकि शिव भक्तों को कोई परेशानी नहीं हो. जगह-जगह पर शौचालय और पेयजल की व्यवस्था को तेजी से काराया जा रहा है.

डीएम कुंदन कुमार विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर कांवरिया पथ का निरीक्षण किए. इस दौरान पदाधिकारियों को सभी बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त करने का आदेश दिया गया. कांवर स्टैंड दुरुस्त करने, धर्मशालाओं के रंग-रोगन और बिजली की व्यवस्था सुधारने का आदेश भी दिया.

श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर कांवरिया पथ पर दिए जा रहे बालू की गुणवत्ता देखकर प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार भड़क उठे और पदाधिकारियों को फटकार लगाई. महीन बालू देने का निर्देश दिया गया. बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारण मंडल ने भी गुणवत्ता को लेकर संवेदक को फटकार लगाई.

 बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा भी कांवरीया पथ का दौरा किए. मंत्री ने सुल्तानगंज से झारखंड बॉर्डर से तक निरीक्षण किया. पूरे कांवरिया पथ पर 572 हैंडपंप, 290 स्नानघर, 270 शौचालय, चार पानी टैंकर, झरना, चलंत शौचालय, वाटर एटीएम, जलदूत टैंकर की व्यवस्था की जाएगी. सरकार का दावा है कि कांवरियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी.