बोकारो: 19 गांवों को खाली कराने के नोटिस पर जमा हुए सैकड़ों लोग, SAIL व प्रशासन को दी ये चेतावनी
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बोकारो: 19 गांवों को खाली कराने के नोटिस पर जमा हुए सैकड़ों लोग, SAIL व प्रशासन को दी ये चेतावनी

Bokaro Samachar: बेरमो और चंदनक्यारी के पूर्व विधायकों ने सेक्टर 9 में विस्थापित संगठनों के साथ बैठक की है. इसमें 19 गांवों के लोग जमा हुए.

 

सेल व बोकारो प्रशासन के खिलाफ 19 गांव के लोगों ने की बैठक (फाइल फोटो)

Bokaro: बोकारो के सेक्टर 9 में जिले के विभिन्न विस्थापित आंदोलन (Displaced Movement) से जुड़े संगठन और दल के लोगों की रविवार को बैठक हुई. इस बैठक में मुख्य रूप से आजसू से चंदनक्यारी के पूर्व विधायक उमाकांत रजक (Umakant Rajak) व भाजपा बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल (Yogeshwar Mahto Batul) उपस्थित हुए थे. दरअसल, बोकारो सेल के द्वारा 19 गांव को खाली कराने की नोटिस दिए जाने के विरोध में यह बैठक हुई थी.

बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो बाटुल का कहना है कि 34700 एकड़ जमीन सेल ने अधिग्रहित किया, जिसमें आधा जमीन अभी भी खाली है. यह खाली जमीन 19 विस्थापित गांव के अंदर की जमीन के अलावा टाउनशिप का जमीन है जिसमें गैरकानूनी तरीके से लोग रह रहे हैं. इन जमीन पर सेल प्रबंधन द्वारा कुछ भी करने का प्लान नहीं है, ऐसे में इस बैठक में तय किया गया कि भूमि अधिनियम के अनुसार, रैयत को वह जमीन वापस होनी चाहिए.

इसके साथ ही योगेश्वर महतो बाटुल ने कहा कि एक भी गांव खाली नहीं होगा. सेल मैनेजमेंट और सरकार पहले इन जमीन को लेकर बने प्लैन व योजना को इंप्लीमेंट करे, उसके बाद हम लोग विचार करेंगे कि हम लोग क्या करेंगे, ग्रामीणों ने कहा कि सेल व सरकार द्वारा जब तक ऐसा नहीं किया जाता है तब तक 1 इंच भी जमीन सेल को नहीं देंगे ना काम करने देंगे.

बैठक में जुटे लोगों को कहना है कि जब दशकों पहले इस क्षेत्र के विस्थापितों का पुनर्वास किया जा रहा था, उस समय राज्य अलग नहीं हुआ था. साथ ही लोगों का कहना है कि तत्कालीन बिहार सरकार ने तब आश्वासन दिया था कि चतुर्थ वर्ग की नौकरी बिल्कुल आरक्षित होगी और द्वितीय वर्ग और तृतीय वर्ग में हम विस्थापितों को प्राथमिकता दी जाएगी. 

ग्रामीणों को समस्या है कि सरकारी वायदे का आज तक अनुपालन नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि आज तक कुछ विस्थापितों का मुआवजा बाकी है जो हाई कोर्ट में मामला पड़ा हुआ है और काफी लंबे समय से चल रहा है. लोगों ने यह भी कहा कि पुनर्वास क्षेत्र में आज भी 50 सालों के बाद पानी बिजली की पर्याप्त सुविधा वहां बसे परिवार को नहीं मिल पा रही इसलिए सेल प्रबंधन पहले विस्थापित गांव के अंदर और टाउनशिप के अंदर खाली पड़े जमीन की रैयत ओ वापस करें.

(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)

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