बोकारो: सतनपुर में Corona का कहर! गांव के सैकड़ों लोग बीमार, झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे जिंदगी
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बोकारो: सतनपुर में Corona का कहर! गांव के सैकड़ों लोग बीमार, झोलाछाप डॉक्टर के भरोसे जिंदगी

Bokaro News: बोकारो जिला की बात करें तो शहर के साथ-साथ अब कस्बाई इलाकों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है.
 

बोकारो के सतनपुर गांव में कोरोना जैसे लक्षण के साथ सैकड़ों लोग बीमार (सांकेतिक फोटो)

Bokaro: कोरोना का कहर पूरे झारखंड (Jharkhand) में जारी है. राज्य के गांव-गांव में कोरोना (Coronavirus) के मामले सामने आ रहे हैं. बोकारो (Bokaro) जिले के सतनपुर गांव (Satanpur Village) में करीब 30 प्रतिशत लोग बीमार हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि झोलाछाप चिकित्सकों के भरोसे ही पूरा गांव है. इसके अलावा, बोकारो जिला की बात करें तो शहर के साथ-साथ अब कस्बाई इलाकों में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है.

बोकारो जिले के सतनपुर पंचायत में भी कोरोना जैसे लक्षण के साथ काफी सारे लोग बीमार पड़ रहे हैं. यदि पंचायत के एक गांव सतनपुर की बात करें तो इस गांव में कुल आबादी लगभग 7 हजार के आसपास है. इस गांव में करीब 3 हजार के आसपास वोटर हैं.

वर्तमान समय में इस गांव में लगभग 30 प्रतिशत लोग सर्दी खांसी व बुखार की वजह से बीमार है. इस गांव के लोगों के इलाज की समुचित व्यवस्था सरकारी स्तर पर उपलब्ध नहीं है. ऐसे में ग्रामीण भगवान भरोसे हैं.

इस 7 हजार आबादी वाले गांव में ज्यादातर लोग प्रवासी मजदूर हैं जो कोरोना के दूसरे वेव के बाद अपने गांव लौटे हैं. इसके बाद से ही गांव में सर्दी, खांसी व बुखार का मामला सामने आने लगा है. क्वारंटाइन सेंटर नहीं होने के कारण बाहर से आये मजदूर सीधे अपने घरों में रहने लगे हैं.

इनकी कोविड जांच भी नहीं कराई गई है. ऐसे में कोरोना का खतरा और बढ़ गया है. गांव में बीमार होने वाले ज्यादातर लोगों में कोरोना जैसे ही लक्षण हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए गांव की गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा और  अधिक बढ़ गया है. चुकी उसके साथ दो-दो जिंदगियां हैं. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर पर बचाने की जरूरत है. 

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लगभग एक महीने पूर्व गर्भवती महिलाओं को टीका दिया गया था लेकिन इस बार टीका नहीं लगाया गया है. ऐसे में खतरा से इंकार नहीं किया जा सकता. ग्रामीणों ने बताया कि बीमार लोग दवा दुकान से दवा खरीद कर खा रहे हैं.

कोरोना को देखते हुए डॉक्टर सरकारी अस्पताल में भी उपलब्ध नहीं है, ऐसे में कोई रास्ता नहीं बचा मजबूर होकर लोग झोलाछाप डॉक्टरों के पास जा रहे हैं. पंचायत के मुखिया मिठू भट्टाचार्य ने कहा कि इस बार पंचायत भी बेचारा बन गया है. उन्होंने कहा कि खाते में पैसा भी है लेकिन हम खर्च नहीं कर सकते. ऐसा इसलिए क्योंकि ऊपर से आदेश जारी नहीं किया गया है.

(इनपुट-मृत्युंजय मिश्रा)

 

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