बिहार: कोरोना रिकवरी रेट में सुशील मोदी-स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अंतर, BJP ने रखा पक्ष
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बिहार: कोरोना रिकवरी रेट में सुशील मोदी-स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अंतर, BJP ने रखा पक्ष

इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी कोरोना के लिए समुचित व्यवस्थाएं होने लगी हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि यह सरकारी प्रयास का ही नतीजा है कि बिहार में रिकवरी इतनी तेजी से हो रही है. 

बिहार: कोरोना रिकवरी रेट में सुशील मोदी-स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अंतर, BJP ने रखा पक्ष.

पटना: बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं और साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ता जा रहा है सियासी पारा. अब कोरोना के रिकवरी रेट को लेकर स्वास्थ्य विभाग और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जो आंकड़े दिए, उसमें अंतर को लेकर सियासत होने लगी थी.

उस मामले पर बीजेपी की ओर से प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने पक्ष रखते हुए बताया कि विपक्ष आंकड़ों पर मत जाए. सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने में अभूतपूर्व तेजी दिखाई है. 

सरकारी प्रयासों की गिनती कराते हुए उन्होंने कहा कि अब देखा जाए तो सरकार ने प्राथमिक हेल्थ केयर सेंटर में जांच की सुविधा बहाल कर कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाया है. इसके अलावा अतिरिक्त आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं. अनुमंडल स्तर के अस्पतालों पर भी जांच की सुविधा शुरू करने की तैयारी सरकार कर चुकी है.

इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी कोरोना के लिए समुचित व्यवस्थाएं होने लगी हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि यह सरकारी प्रयास का ही नतीजा है कि बिहार में रिकवरी इतनी तेजी से हो रही है. 

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग और सुशील मोदी ने जो कोरोना रिकवरी रेट का आंकड़ा दिया था, उन दोनों में अंतर पाया गया. स्वास्थ्य विभाग के कल जारी किए गए आंकड़ों में कोरोना रिकवरी रेट 67.12 फीसदी बताया था जबकि सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कोरोना रिकवरी रेट 63 फीसदी ही दिखाया था. 

सुशील मोदी के हालिया ट्वीट पर आरजेडी विधायक और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि सुशील मोदी तो आकड़ों के बाज़ीगर कहे जाते हैं. हर चीज में वो आंकड़े पेश करते हैं. फिर वो किस आधार पर रिकवरी रेट 63 % ही बता रहे हैं यानी स्वास्थ्य विभाग और सुशील मोदी दोनों झूठ बोल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य भगवान भरोसे है. हालात बद से बदतर हो गए हैं. 24 मार्च को लॉकडाउन चार महीने बीत जाने पर भी लोग भटक रहे हैं. नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को मौत के मुंह तक पहुंचा दिया है.