झारखंड विधानसभा चुनाव: गुमला में महागठबंधन उम्मीवार से है BJP की सीधी टक्कर, कौन मारेगा बाजी?
आगामी 30 नवंबर को झारखंड में पहले चरण का चुनाव होना है. गुमला विधानसभा सीट पर भी इसी चरण में वोट डाले जाएंगे. आदिवासी बहुल क्षेत्र वाला गुमला विधानसभा पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग चुका है.
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गुमला: पहले चरण के लिए गुमला की फिजा चुनावी रंग में रंग चुकी है. विभिन्न दलों ने प्रत्याशी उतारे हैं तो मुकाबला महागठबंधन और बीजेपी के बीच सीधा प्रतीत हो रहा है. प्रत्याशी खुद को बेहतर साबित करने की कवायद में लगे हैं, तो आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चल रहा है.
आगामी 30 नवंबर को झारखंड में पहले चरण का चुनाव होना है. गुमला विधानसभा सीट पर भी इसी चरण में वोट डाले जाएंगे. आदिवासी बहुल क्षेत्र वाला गुमला विधानसभा पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग चुका है. प्रत्याशी यहां कई हैं, लेकिन सीधा मुकाबला बीजेपी और महागठबंधन के उम्मीदवार के बीच माना जा रहा है. हालांकि बीजेपी ने अपने सीटिंग कैंडिडेट को बदलकर एक चुनौती ली है. वहीं, महागठबंधन से जेएमएम उम्मीदवार अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
खुद को मजबूत बताते हुए महागठबंधन से प्रत्याशी बीजेपी को आड़े हाथों ले रहे हैं. भूषण तिर्की की मानें तो यूपीए गठबंधन के सामने कोई टक्कर में नहीं है. बीजेपी को बहुत मेहनत करने की जरूरत है. वहीं, बीजेपी के विकास के दावों को खारिज करते हुए रोशन तिर्की ने कहा कि विकास सिर्फ मीडिया में हुआ है. जमीनी हकीकत कुछ भी नहीं है.
वहीं, गुमला से बीजेपी ने सीटिंग कैंडिडेट शिवशंकर उरांव के बदले युवा चेहरा मिसिर कुजूर पर भरोसा किया है. मिसिर कुजूर की मानें तो बीते 5 वर्षों में बीजेपी ने हर क्षेत्र में काम किया है. मुद्दे बहुत हैं, लेकिन सभी मुद्दों को खत्म करने को लेकर रघुवर सरकार ने कदम उठाए हैं. वह अब इस विकास के कार्यों को अंजाम तक ले जाने का काम करेंगे. वहीं, रघुवर सरकार के विकास के कार्यों की बदौलत मिसिर कुजूर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं.
बहरहाल किसके दावों में कितनी सच्चाई है यह तो चुनाव के बाद पता चल पाएगा, लेकिन इतना साफ है कि गुमला में बीजेपी और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर ने मुकाबला दिलचस्प कर दिया है.
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