बिहार-झारखंड में भूकंप के हल्के झटके, पूर्णिया में 20 सेकेंड तक हिली धरती
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बिहार-झारखंड में भूकंप के हल्के झटके, पूर्णिया में 20 सेकेंड तक हिली धरती

बिहार-झारखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए. बिहार के किशनगंज, साहेबगंज, कटिहार और झारखंड के हजारीबाग में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. पूर्णिया में भी 20 सेकेंड तक भूकंप के हल्के झटके माहसूस किए गए. लोग डर से घर से बाहर निकल आए हैं. 

बिहार-झारखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके.

पटना/रांची : बिहार-झारखंड में सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. बिहार के किशनगंज, साहेबगंज, कटिहार और झारखंड के हजारीबाग में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. पूर्णिया में भी 20 सेकेंड तक भूकंप के हल्के झटके माहसूस किए गए. लोग डर से घर से बाहर निकल आए हैं. फिलहाल किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है.

मौसम विभाग ने भी भूकंप के झटकों की पुष्टि की है. कंप का केंद्र असम में के बोइटामारी में था. रिक्टर स्केल पर 5.5 तीव्रता मापी गई है.

बिहार के मुंगेर, भागलपुर, अररिया, पूर्णिया, बाढ़, पटना, फारबिसगंज, मधेपुरा के उदाकिशुनगंज, मुरलीगंज में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं, झारखंड के हजारीबाग में भी धरती हिली.

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भूकंप के खतरे को बताने के लिए देश को पांच Zones में बांटा गया है
Zone- 1 का मतलब है कि जहां भूकंप का खतरा सबसे कम है
Zone- 2 का मतलब है कि Low Intensity के झटके वाले इलाके यानी यहां पर 4 से कम तीव्रता के झटके आते हैं
Zone- 3 का मतलब है कि Moderate Intensity यानी भूकंप के हल्के झटके.यहां 7 तीव्रता तक के झटके आ सकते हैं
Zone- 4 का मतलब है कि Severe Intensity यानी जहां भूकंप का खतरा ज़्यादा है.यहां 8 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है
Zone- 5 का मतलब है कि Very Severe Intensity. यानी भूकंप का ख़तरा इन इलाक़ों में बहुत ज़्यादा होता है.यहां 9 से ऊपर की तीव्रता का भूकंप आ सकता है.

क्या न करें?
अगर आप भूकंप के झटके महसूस कर रहे हैं तो घबराने की बजाए होशियारी से फैसला लें. अगर आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो घर के किसी कोने में चिपक कर, सिर नीचे कर खड़े हो जाएं. इस दौरान लिफ्ट का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें. अगर घर से बाहर हैं तो ऊंची बिल्डिंग और पोल के पास न खड़े हों.

जर्जर बिल्डिंग के पास बिल्कुल भी खड़ा न हों. किसी ऐसे सड़क या पुल से ना गुजरें जो कमजोर हो. अगर संभव हो तो मजबूत टेबल के नीचे सिर छिपाकर बैठ जाएं. इस दौरान घर में भी कांच की खिड़कियों से दूर रहें. इन तमाम उपायों के बावजूद अगर आप कहीं फंस जाते हैं तो सीटी बजाकर या चिल्लाकर मदद के लिए आवाज लगाएं.