Motihari Crime News: पुलिस ने पिछले एक हफ्ते में तीन अलग-अलग जगहों पर बड़ी छापेमारी की गई है. जिसमें 22 किलो अफीम ड्रग्स के साथ 7 अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं. अबतक गिरफ्तार तस्करों में राजद के जिला अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष शम्भू गुप्ता भी शामिल है.
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Motihari Police: बिहार की मोतिहारी पुलिस ने ड्रग्स के खिलाफ जिले में 'ड्रग्स द एंड' अभियान शुरू किया है. इसके तहत पिछले एक हफ्ते में तीन अलग-अलग जगहों पर बड़ी छापेमारी की गई है. जिसमें 22 किलो अफीम ड्रग्स के साथ 7 अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार हुए है. पहली करवाई एक हफ्ते पूर्व रामगढ़वा थाना क्षेत्र के भैंसड़ा गांव के पास एक आम के बगीचे में हुई. जहां पुलिस एवं एसटीएफ की संयुक्त छापेमारी में 13 किलो अफीम के साथ 3 अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार हुए थे. एक तस्कर अनूप सिंह पर आधा दर्जन एनडीपीएस एक्ट में मामले दर्ज है. ये अफीम नेपाल से लेकर आए थे और पंजाब में सप्लाई करने की योजना बने रहे थे. उसी दौरान पुलिस ने करवाई कर दी दूसरी करवाई रक्सौल बॉर्डर के नजदीक हरैया थाना क्षेत्र के बायपास में ओभरब्रिज के पास की गई. एक ड्रग्स तस्कर को 5 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया. जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत ढाई करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है.
जानकारी के मुताबिक, तस्कर नेपाल से ड्रग्स लेकर रक्सौल आया था और उसे रक्सौल में छोटे छोटे ड्रग्स पैडलर को डिलीवरी देनी थी. ड्रग्स डिलेवरी की सूचना पर हरैया थाना की पुलिस ने ओभरब्रिज के पास जांच शुरू की. उसी दौरान उसके बाइक से करीब 5 किलो अफीम ड्रग्स की बरामद हुआ था, जिसे रक्सौल के विभिन्न लोकेशन पर डिलेवरी देने का प्लान कर रहा था. ये तस्कर का नाम रंजन कुमार जो जितना थाना का निवासी है. अब पुलिस ड्रग्स तस्कर से बैकवर्ड फॉरवर्ड लिंक की तलाशने में जुटी है. रक्सौल के आश्रम रोड, डंकन रॉड, गांधीनगर, इस्लामपुर, प्रेम नगर, नेपाली स्टेशन ड्रग्स पैडलर का हब माना जाता है. आश्रम रॉड के फूलचंद स्कूल के पास नशेड़ी एवं नशा पैडलर का जमावड़ा अक्सर लगा रहता है. तीसरा बड़ी करवाई कोटवा में की गई, जिसमें 4 किलो अफीम के साथ तीन तस्कर को गिरफ्तार किया है.
इसमें एक तस्कर पूर्व से एनडीपीएस एक्ट में जेल जा चुका है. अब पुलिस जांच में जुटी है. अबतक गिरफ्तार तस्करों में राजद के जिला अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष शम्भू गुप्ता भी शामिल है. बताया जा रहा है कि आरोपी राजद नेता अफीम का थोक विक्रेता है, जो नेपाल के धुरंदर नाम के व्यक्ति अफीम लेता था. इसके बाद इसे बिहार में अलग-अलग जगहों पर भेजता था. गिरफ्तार हुआ बांका जिला का नरेश पीपरा कोठी में रहकर ग्राहक खोजता था. अबतक की पूछताछ में पता चला सभी अफीम की खेप नेपाल से लेकर आया गया था. जिसे बिहार समेत राज्य के अन्य हिस्सों में छोटे छोटे ड्रग्स पैडलर को भेजने की योजना थी. ये ड्रग्स पैडलर युवक और छात्रों को टारगेट करते है. बिहार में शराब बंदी के बाद सूखा नशा का प्रचलन काफी बढ़ा गया है. शराब सेवन के बाद मुंह से स्मैल आना और जांच में पकड़े जाने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए युवक सूखे नशे की और ज्यादा अग्रसर हो रहे हैं.
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कैसे होती है अफीम की सप्लाई?
नेपाल में सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में गाँजा एवं अफीम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. अफीम एक पौधा की तरह होता है. जिसके ऊपर फल की तरह लगे रहते है. उसी फल में चीरा लगाया जाता हैं.उंसके बाद उसके अंदर से एक तरल पदार्थ निकलता है. उसी तरल पदार्थ को इकठा करके अफीम बनाया जाता है. ड्रग्स के अंधे में काला धन एवं हुंडी के पैसों का इस्तेमाल होता है. मोतिहारी पुलिस की करवाई से ड्रग्स तस्करों की रीढ़ की हड्डी टूट गई है.
रिपोर्ट- पंकज कुमार