झारखंड के चाकुलिया इलाके के कई गांवों में 'जीनत' का खौफ, 'कर्फ्यू' जैसे हालात
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झारखंड के चाकुलिया इलाके के कई गांवों में 'जीनत' का खौफ, 'कर्फ्यू' जैसे हालात

Tigress Terror: बाघिन के खौफ के चलते घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र में 11 दिसंबर से निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. लोगों को अकेले कहीं भी घूमने से मना कर दिया गया है. 

झारखंड के चाकुलिया इलाके में बाघिन का आतंक

जमशेदपुर:'जीनत' नामक एक बाघिन के खौफ से पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के चाकुलिया प्रखंड के कई इलाकों में पिछले चार-पांच दिनों से अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति है. यह बाघिन ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से निकलकर चाकुलिया पहुंची है. वन विभाग की टीम ने बाघिन को चियाबांधी जंगल में स्पॉट किया है, लेकिन उसे पकड़ने की कोशिश अब तक नाकाम रही है. बाघिन भूखी बताई जा रही है और आशंका है कि वह मौका पाकर किसी को भी अपना शिकार बना सकती है. 

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घाटशिला अनुमंडल प्रशासन ने ग्रामीणों की सुरक्षा के मद्देनजर 11 दिसंबर से चियाबांधी, पांड्रासोली, धधिका और खाड़बांधा गांव सहित आसपास के इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. लोगों को बेवजह घूमने से मना किया गया है. बाघिन के डर से चियाबांधी गांव में बच्चों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं. अन्य तीन-चार गांवों में ज्यादातर स्कूलों में लोग बच्चों को नहीं भेज रहे हैं. करीब 20 किलोमीटर इलाके के लोग दहशत में हैं.

बाघिन को पकड़ने के लिए विन विभाग की टीम ने बुधवार को चियाबांधी जंगल में एक भैंसे को बांधकर छोड़ दिया था, ताकि जब वह उसका शिकार करने आए तो उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर पकड़ा जा सके. गुरुवार को अहले सुबह बाघिन ने भैंसे पर हमला भी किया. ओडिशा के वन विभाग की टीम ने बाघिन को बेहोश करने के लिए उस पर इंजेक्शन फायर किया, परंतु निशाना चूक गया और वह भागने में सफल रही.

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महाराष्ट्र के ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व से जीनत और जमुना नाम की बाघिनों को अक्टूबर-नवंबर में सिमलिपाल टाइगर रिजर्व लाया गया था. जीनत को 24 नवंबर को सिमिलिपाल उत्तर के कोर में छोड़े जाने से पहले एक बाड़े में 10 दिनों तक रखा गया. सोमवार रात को जीनत एसटीआर में अपने आवास से बाहर निकलकर करीब 35 किलोमीटर दूर झारखंड आ पहुंची. वह गुड़ाबांदा के रास्ते चाकुलिया नयाग्राम, राजाबासा होते हुए चियाबांधी जंगल पहुंच गई है.

बाघिन पर लगे रेडियो-कॉलर और जीपीएस की मदद से उसकी लोकेशन वन विभाग को लगातार मिल रही है. बाघिन पर नजर रखने के लिए वन विभाग के 20 कर्मियों की टीम लगी है. झारखंड और ओडिशा सरकार के बीच भी बाघिन को लेकर चर्चा हुई है. दोनों राज्यों के वन विभाग की ओर से उसे पकड़ने या वापस प्राकृतिक तरीके से ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व (एसटीआर) ले जाने की रणनीति तैयार की गई है.

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एसटीआर के फील्ड डायरेक्टर प्रकाश चंद गोगिनेनी ने कहा, जीनत को वापस लाने की कोशिशें लगातार जारी है.

-आईएएनएस

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