बिहार: 94 हजार पदों पर शिक्षकों का नियोजन अब होगा पूरा, HC के फैसले से जगी उम्मीद
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बिहार: 94 हजार पदों पर शिक्षकों का नियोजन अब होगा पूरा, HC के फैसले से जगी उम्मीद

पटना हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को नियोजन में शामिल करने संबंधी याचिका खारिज कर दी है.

94 हजार पदों पर शिक्षकों का नियोजन अब होगा पूरा.

पटना: बिहार में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी जल्द ही पूरी हो जाएगी. दरअसल, पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने दिसंबर 2019 में केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) पास अभ्यर्थियों को नियोजन में शामिल करने संबंधी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि शिक्षकों की नियुक्ति में में तेजी लाई जाए और इसे जल्द पूरी की जाए.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद नियुक्ति पर लगी रोक भी खुद ब खुद खत्म हो गई है. वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए आवेदन दिया है उनमें अब शिक्षक बनने की उम्मीद जग गई है. मई 2019 में समान काम के बदले समान वेतन का फैसला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आया. सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद शिक्षा विभाग ने क्लास एक से क्लास आठ तक में बड़े पैमाने पर शिक्षक नियोजन का फैसला किया. करीब 94 हजार पदों के लिए नियोजन शुरू हुआ. लेकिन मामला दो बार कोर्ट में चला गया. 

पहली बार डीएलएडी वाले अभ्यर्थियों को लेकर जबकि दूसरी बार दिसंबर 2019 में सीटीइटी पास अभ्यर्थियों को लेकर चला गया. दिसंबर 2019 में पास अभ्यर्थियों ने ये दलील दी थी कि उन्हें भी नियोजन में शामिल होने का मौका दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने मंगलवार को इस अर्जी को खारिज कर दिया. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले का फिलहाल अध्ययन शिक्षा विभाग कर रहा है.

वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक और शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अमित कुमार के मुताबिक, कोर्ट का फैसला बिहार सरकार के पक्ष में आने की जानकारी मिली है. जानकारी ये भी है कि कोर्ट ने शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का भी आदेश दिया है.

       बिहार में किस तरह से प्राथमिक शिक्षक नियोजन का मामला कोर्ट तक पहुंचा 

  1. जुलाई 2019 में शिक्षा विभाग ने 94 हजार पदों (प्राइमरी स्कूल) के लिए नियोजन शुरू किया. लेकिन शिक्षक नियोजन का मामला कोर्ट में दो बार जाने की वजह से लटक गया.
  2. दूसरी बार नीरज कुमार और अन्य लोगों ने कोर्ट में अर्जी दायर की और दिसंबर 2019 में पास करने वाले अभ्यर्थियों को भी नियोजन में शामिल होने देने की मांग की.
  3. शिक्षा विभाग ने कहा कि क्योंकि नियोजन के लिए प्रक्रिया दिसंबर 2019 की परीक्षा से काफी पहले शुरू की गई है, लिहाजा इन्हें नियोजन में शामिल नहीं किया जा सकता है.
  4. कोर्ट के फैसले से साफ है कि अब वैसे ही अभ्यर्थी नियोजन में शामिल होंगे, जिन्होंने 23 नवंबर 2019 से पहले सीटीइटी की डिग्री हासिल की है.

दूसरी तरफ, प्रतिवादी पक्ष के वकील प्रिंस कुमार मिश्रा के मुताबिक, दिसंबर 2019 में सीटीइटी पास अभ्यर्थी को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि नियोजन प्रक्रिया पूरी कर नियोजन पत्र बांट दिए जाए. जानकारी के मुताबिक, जुलाई 2019 में शुरू हुई शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया के लिए मेरिट लिस्ट (Merit List) तैयार कर ली गई है. 

बिहार में 9 हजार से ज्यादा नियोजन इकाई है जिन्होंने अपना काम पूरा कर लिया है और कुछ दिनों में नियोजन पत्र बांट दिया जाएगा. जुलाई 2019 से प्राथमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया जो शुरू हुई वो अलग-अलग कारणों से लटकती रही. लेकिन पटना हाईकोर्ट के मंगलवार के फैसले से एक तरफ बिहार में जहां प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी होगी, वहीं एक हद तक पढ़े-लिखे लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा.

Amita Kumari, News Desk