बिहार: बेरोजगारी या सरकारी नौकरी की चाहत! 'ग्रुप डी' के लिए कतार में इंजीनियर तक
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बिहार: बेरोजगारी या सरकारी नौकरी की चाहत! 'ग्रुप डी' के लिए कतार में इंजीनियर तक

 इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट लड़के ग्रुप डी की नौकरी के लिए लाइन मे लगे हुए हैं. मामला यहीं तक ही सीमित नहीं है.

बिहार में ग्रुप डी की नौकरी के लिए बेरोजगारों की लंबी कतार. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार (Bihar) में बेरोजगारी या फिर यह सरकारी नौकरी की चाहत का आलम यह है कि इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, पोस्ट ग्रेजुएट और ग्रेजुएट लड़के ग्रुप डी की नौकरी के लिए लाइन मे लगे हुए हैं. मामला यहीं तक ही सीमित नहीं है.

माननीय को पानी पिलाने के लाइन में वैसे युवा भी खड़े हैं जिन्हें टीचर बनना था, लेकिन बेरोजगारी और जरुरत ने ऐसी परिस्थिति खड़ी की है कि मैट्रिक स्तर के आई वैकेंसी में ज्यादातर स्नातक स्तरीय लड़कों ने फार्म भर रखा है.

दरअसल,पूरी कहानी यह है कि बिहार विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad) में सौ सीट से कुछ अधिक वैकेंसी आई. सरकारी नौकरी के लिए यह सीधी भर्ती है. यह वैकेंसी ग्रुप डी के लिए आई थी जिसमें हजारों फार्म भरे गए. हजारों फार्म में से ज्यादात्तर आवेदक स्नातक की पढ़ाई की है या फिर इंटरमेडिएट जिसका अभी इंटरव्यू लिया जा रहा है.

कार्यालय परिचारी सफाई कर्मी का पोस्ट 7,फरास यानी मेज टेबल और खिड़की सफाई करने वालों का पद 9, बिहार विधान परिषद के बागवानी के लिए माली की वैकेंसी 5, दरवान का रिक्त पद 7, नाइट गार्ड के लिए रिक्त पद मात्र 4 और ऑफिस अटेंडेट के सबसे अधिक 96 पदों के लिए साक्षात्कार चल रहा है. 

बिहार विधान परिषद में इन चंद सीटों के लिए ऑन लाइन आवेदन मंगवाया गया था. बताया जा रहा है कि इन पदों के विरुद्ध लोखों में आवेदन आए हैं. 8 दिसंबर 2020 से सभी उम्मीदवारों का साक्षात्कार चल रहा है जो 21 जनवरी 2021 तक चलेगा.