रोहतास से पर्यावरण संवाद यात्रा का हुआ शुभारंभ, समाज में जागरूकता फैलाना होगा उद्देश्य
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रोहतास से पर्यावरण संवाद यात्रा का हुआ शुभारंभ, समाज में जागरूकता फैलाना होगा उद्देश्य

उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि संवाद यात्रा अपने लक्ष्य को हासिल करने में अवश्य ही सफल रहेगा. इस दौरान उन्होंने जैव विविधता के महत्व पर विस्तार से चर्चा की.

रोहतास से पर्यावरण संवाद यात्रा का हुआ शुभारंभ.

रोहतास: वन एवं पर्यावरण विभाग प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने मंगलवार को रोहतास जिले से पर्यावरण संवाद यात्रा का शुभारंभ किया. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने यात्रा के उद्देश्य से अवगत कराते हुए प्रतिभागियों को लक्ष्य से परिचित कराया. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले पांच दिनों तक चलेगा और प्रशिक्षित साथी आने वाले दिनों में राज्य के अलग-अलग हिस्से में जाकर पर्यावरण संरक्षण में समाज की भूमिका को लेकर जागरूकता का काम करेंगे.

उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि संवाद यात्रा अपने लक्ष्य को हासिल करने में अवश्य ही सफल रहेगा. इस दौरान उन्होंने जैव विविधता के महत्व पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि जैव विविधता जीवों के बीच पाई जाने वाली विभिन्नता है, जो प्रजातियों में, प्रजातियों के बीच और उनकी पारितंत्रों की विविधता को भी समाहित करती है.

इसमें सभी प्रकार के जीव-जंतु और पेड़-पौधे व वनस्पतियां शामिल हैं. जैव विविधता से ही इंसान सहित समस्त जीवों की भोजन, चारा, कपड़ा, लकड़ी, ईंधन आदि आवश्यकताओं की पूर्ति होती है. ये रोगरोधी और कीटरोधी फसलों की किस्मों का विकास करती है, जिससे कृषि उत्पादकता अधिक होती है. 

औषधीय आवश्यकताओं की पूर्ति जैव विविधता से आसानी से हो जाती है तो वहीं पर्यावरणीय प्रदूषण को नियंत्रित करने में जैव विविधता का अहम योगदान है. इसके अलावा कार्बन अवशोषित करना और मिट्टी के गुणवत्ता में सुधार करने में भी इसका अनुकरणीय योगदान है. 

इस अवसर पर जल और जंगल के प्रति अपने कार्यों को लेकर सक्रिय पत्रकार पंकज मालवीय ने कहा कि एक प्रकार से जैव विविधता पृथ्वी पर जीवनचक्र को बनाए रखती है. लेकिन अभी तक हम मानते आ रहे थे कि जल संकट के कारण जैव विविधता खतरे में है, किंतु जैव विविधता के लगातार कम होने से जल संकट गहराता जा रहा है.

वहीं, डीएफओ प्रद्युमण गौरव ने अपने सम्बोधन में इस कार्यक्रम के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज को समझना और समझकर पर्यावरण की रक्षा के प्रति उन्हें प्रेरित कर सकें.