बिहार के सभी नौ मेडिकल अस्पतालों में इस वर्ष दशहरा तक 'आई बैंक' होंगे. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी मेडिकल कॉलेजों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये की राशि भी भेज दी गई है.
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पटनाः बिहार के सभी नौ मेडिकल अस्पतालों में इस वर्ष दशहरा तक 'आई बैंक' होंगे. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी मेडिकल कॉलेजों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये की राशि भी भेज दी गई है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक समारोह में कहा, "राज्य के सभी नौ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में दशहरा तक आई बैंक की स्थापना कर वहां प्रशिक्षित मानव बल व मोटिवेटर की भी नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए मेडिकल कॉलेजों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं."
मोदी ने सोमवार को कहा, "विज्ञान की तमाम तरक्की के बावजूद मानव अंग (किडनी, पेन्क्रियाज, हृदय, क्रोनिया) आदि न तो प्रयोगशाला में बनते हैं और न ही बाजार में मिलते हैं. इसके लिए जब कोई व्यक्ति इसे दान करेगा, तभी इसका इस्तेमाल कर किसी की जिंदगी को हम बचा सकते हैं."
मोदी ने बताया, "पटना में लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के लिए जल्द ही एक 'ब्लाइंड वॉक' का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोग आंख पर पट्टी बांधकर चलेंगे. इससे लोग दृष्टिहीन लोगों के दर्द का एहसास कर सकेंगे और नेत्रदान के लिए प्रेरित हो सकेंगे."
उन्होंने बताया, "वर्ष 2013 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वर्तमान सर संघ चालक मोहन भागवत की प्रेरणा से पटना में दधीचि देहदान समिति का शुभारंभ किया गया था. उसय समय से इस संस्था के माध्यम से रक्तदान, अंगदान, देहदान द्वारा जिंदगियों को बचाने और रौशन करने का कार्य किया जा रहा है."
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, "गया और भागलपुर मेडिकल कॉलेजों में आई बैंक तैयार हो चुके हैं और 15 दिनों के अंदर ये काम करने लगेंगे. अक्टूबर के अंत तक सभी नौ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आई बैंक शुरू हो जाएंगे."
उन्होंने कहा कि अंगदान के मामलों को लेकर राज्य में निदेशक स्तर की एक समिति का गठन किया जाएगा, जो इस मसले पर सुझाव देगी.