झारखंड: साहिबगंज में किसानों को दिया गया मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण, लोगों में दिखी खुशी
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झारखंड: साहिबगंज में किसानों को दिया गया मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण, लोगों में दिखी खुशी

मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण पाकर किसान काफी खुश दिख रहे हैं. वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि मधुमक्खी पालन किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बेहतरीन साधन हो सकता है जिससे किसान सुखी और समृद्ध बन सकते हैं.

मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण पाकर किसान काफी खुश दिखे.

साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को मधुमक्खी पालन का गुण सिखाया जा रहा है. मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण पाकर किसान काफी खुश दिख रहे हैं. वहीं, वैज्ञानिकों का मानना है कि मधुमक्खी पालन किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक बेहतरीन साधन हो सकता है जिससे किसान सुखी और समृद्ध बन सकते हैं.

इस प्रशिक्षण का मुख्य विशेषता यह है कि यहां सभी आदिवासी महिला एवं पुरुष किसानों को ही यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है. केंद्र सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र की आदिवासी महिला और पुरुष आर्थिक रूप से काफी पिछड़े हैं. उन पिछड़े किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए इस योजना को लाया गया.

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉक्टर अमृता झा ने कहा है कि झारखंड में मधुमक्खी पालन का बहुत ही ज्यादा स्कोप है. यदि किसान मधुमक्खी पालन पर ध्यान दें जो साल में एक बक्से पर 40 से 50 हजार तक की आमदनी कर सकते हैं. इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने सभी किसानों को 10-10 बक्से मधुमक्खी के उपलब्ध कराएं हैं जिससे किसान साल में एक अच्छी खासी आमदनी कर सकें.

वहीं, ट्रेनिंग देने आए बिहार के पूसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ रामाश्रय सिंह ने कहा है कि झारखंड मधुमक्खी पालन का एक बेहतर क्षेत्र है जहां के वातावरण मधुमक्खी पालन के लिए उपयोगी है. इस प्रशिक्षण में आए किसान ट्रेनिंग को पाकर काफी खुश नजर आ रहे हैं और उन्हें भी इस बात की उम्मीद है. मधुमक्खी पालन से उनकी आर्थिक तंगी दूर होगी और वो अपने सामान्य कृषि के अलावा मधुमक्खी पालन भी बेहतर तरीके से कर सकते हैं.

झारखंड में बिहार की अपेक्षा मधुमक्खी पालन की संभावनाएं अधिक है और यहां पर मधुमक्खियों के लिए चारा भी पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है. झारखंड एक ऐसा प्रदेश है जहां ठंडे के दिनों में भी अधिक दिनों तक कोहरा नहीं होता है जिससे मधुमक्खियों को अपने काम करने में परेशानी नहीं होती है इसलिए झारखंड में के किसानों को यदि मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया जाए तो यहां के किसानों का आमदनी काफी बढ़ जाएगी.