कई किसानों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार पूंजी लगाई और धान की खेती के लिए कमर कसी. कई किसानों ने अपने खर्च का हिसाब दिया और कहा कि अगर यही स्थिति रही तो हमारी सारी पूंजी नष्ट हो जाएगी. किसानों का पूरी तरह बस बारिश पर निर्भर हैं.
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हजारीबाग: सावन खत्म होने ही जा रहा है और झारखंड के हजारीबाग में आज भी लोग आसमान की ओर निगाहें गड़ाए बैठे हैं. आसमान में बादल तो इस कदर पिछले 3 दिनों से घुम रहे हैं जैसे अगले ही पल भारी वर्षा हो सकती है लेकिन लोग अभी तक बारिश की राह देख रहे हैं.
हजारीबाग में किसानों के बीच काफी निराशा है. आपको बता दें कि कई किसानों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार पूंजी लगाई और धान की खेती के लिए कमर कसी. कई किसानों ने अपने खर्च का हिसाब दिया और कहा कि अगर यही स्थिति रही तो हमारी सारी पूंजी नष्ट हो जाएगी. किसानों का पूरी तरह बस बारिश पर निर्भर हैं.
चूकी हजारीबाग में एक फसली खेती का चलन ज्यादा है इसलिए वर्ष भर में धान की खेती ही कई खेतों में की जाती है और यही कारण है कि जब वर्षा की कमी होती है तो लोगों के चेहरे मुरझा जाते हैं. परंतु इस बार किसानों ने कई जगह टैंकर से पानी लाकर खेतों की बुवाई करनी शुरू कर दी है और वह भी सिर्फ इसलिए कि आने वाले समय में इन्हें अच्छी वर्षा की उम्मीद है. जहां एक ओर कई खेत बिना बुवाई के सूखे हुए हैं . वहीं दूसरी ओर आसमान में बादल अच्छी बारिश के संकेत भी दे रहे हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री के द्वारा भी किसानों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है लेकिन अब भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां सिंचाई की व्यवस्था की काफी जरूरत है इसलिए जरूरत है इन क्षेत्रों में ध्यान देने की ताकि किसानी वर्ष आधारित पूरी तरह ना रह सके .