पूर्णिया में रात 12 बजे फहराया गया झंडा, बाघा बॉर्डर के अलावा यहां निभाई जाती है यह परंपरा
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पूर्णिया में रात 12 बजे फहराया गया झंडा, बाघा बॉर्डर के अलावा यहां निभाई जाती है यह परंपरा

बिहार के पूर्णिया में आधी रात को आन-बान और शान से 72 सालों की परंपरा को निभाते हुए आधी रात में भट्ठा के झंडा चौक पर झंडा फहराया गया. 

जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पूर्णियावासियों ने झंडोत्तोलन कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी.

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में आधी रात को आन-बान और शान से 72 सालों की परंपरा को निभाते हुए आधी रात में भट्ठा के झंडा चौक पर झंडा फहराया गया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पूर्णियावासियों ने झंडोत्तोलन कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी.

आपको बता दें कि वाघा बॉर्डर के बाद पूर्णिया भारत का दूसरा ऐसा जिला है जहां मध्य रात्रि में झंडा फहराया जाता है. यह परम्परा यहां 15 अगस्त 1947 से चली आ रही है. 

 

आपको बता दें कि 1947 में 12 बजकर 1 मिनट पर भारत की आजादी की घोषणा रेडियो पर की गई थी. उसी समय पूर्णिया के स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह, रामरतन साह और शमशुल हक आदि ने मध्य रात्रि में भट्ठा बाजार में झंडोत्तोलन किया था.

तब से हर साल इस परंपरा को निभाया जाता है और गुरुवार रात को जैसे ही घड़ी की सूई 12.01 पर पहुंची वैसे ही राष्ट्रीय गान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. पिछले 7‍2 सालों से यह परंपरा चली आ रही और इसमें आम से खास लोग भाग लेते हैं.