बगहा: बाढ़ का दर्द बिसरा, अब निचले इलाकों में कटाव की वजह से उजड़ रहे कई परिवार
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बगहा: बाढ़ का दर्द बिसरा, अब निचले इलाकों में कटाव की वजह से उजड़ रहे कई परिवार

इसके बाद कटाव पीड़ितों को नए जगह बसाने का आश्वासन दिया लेकिन इस दिशा में बात आगे नही बढ़ी और यहीं वजह है कि प्रशासन और जल संसाधन विभाग की लापरवाही के चलते फिर गंडक नदी से कटाव की विनाशलीला शुरू हो गई है.

बगहा: बाढ़ का दर्द बिसरा, अब निचले इलाकों में कटाव की वजह से उजड़ रहे कई परिवार.

इमरान अजीज/बगहा: बिहार के बगहा में गंडक नदी का जलस्तर कम होते ही निचले इलाकों में कटाव की स्थिति भयावह हो गई है. हालात यह है कि अब तक सैकड़ों लोगों का आशियाना नदी की बदलती धारा में विलीन हो गया है. नतीजतन दर्जनों परिवार सड़क और बांधों पर तंबू तान कर रह रहे हैं. 

वहीं, अधिकांश बाशिंदे आशियाना की तलाश में सीमावर्ती यूपी में गुजर बसर के लिए पलायन कर रहे हैं. कटाव पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि लगातार हो रहे कटाव की वजह से मधुबनी प्रखण्ड के वीरता टोला, सिसईं व मदरहवा गांव में सैकड़ों घरों को नदी लील गई है. 

बगहा एक प्रखंड के पारस नगर वार्ड नं 16 में गंडक नदी के कटाव से सैकड़ों एकड़ ज़मीन पर लगे गन्ना फसल नदी में विलीन हो गई है. कटाव बदस्तूर जारी है. जल संसाधन विभाग द्वारा बचाव राहत कार्य शुरू नहीं किए गए हैं और अब तक इनकी सुधि लेने कोई नहीं पहुंचा है.

बता दें कि गंडक नदी का जलस्तर काफी कम हुआ है यही वजह है कि कटाव तीव्र गति से हो रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि लोगों ने समय से अधिकारियों को सूचित भी किया था जिसके बाद मधुबनी प्रखण्ड के सीओ ने पिछले 11 सितंबर को हालात का जायजा ज़रूर लिया. 

इसके बाद कटाव पीड़ितों को नए जगह बसाने का आश्वासन दिया लेकिन इस दिशा में बात आगे नही बढ़ी और यहीं वजह है कि प्रशासन और जल संसाधन विभाग की लापरवाही के चलते फिर गंडक नदी से कटाव की विनाशलीला शुरू हो गई है.

गौरतलब है कि इस मॉनसून सीजन में अब तक चार मर्तबा बाढ़ व कटाव जैसी आपदा से लोगों को दो चार होना पड़ा है. पिछले माह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया था. बावजूद इसके प्रशासनिक प्रक्रिया आगे नही बढ़ पाई है और अब तक ये बाढ़ व कटाव पीड़ित खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. 

लोगों का आरोप है कि अब तक उन्हें 6 हज़ार रुपए प्रति परिवार आपदा राहत की राशि बतौर सरकारी मदद भी नहीं मिली है. पहले बाढ़ और अब कटाव की त्रासदी झेल रहे किसानों और ग्रामीणों का प्रदर्शन के साथ आशियाने उजाड़ कर पलायन जारी है. वहीं, खेतों में आधे अधूरे तैयार गन्ना के फसल काटकर किसान कोल्हू क्रशर संचालकों के हाथों बेचने को आमादा हैं.

ऐसे में देखने वाली बात होगी कि चुनावी शंखनाद के बीच जल संसाधन विभाग और प्रशासन इन कटाव पीड़ितों की कोई सुधि लेता भी है या नहीं इसके लिए किसानों और कटाव पीड़ितों को राहत बचाव कार्य शुरू होने का इंतजार है.