चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में लालू यादव सहित कई लोग आरोपी बनाए गए थे, जिसमें से चार मामलों में सभी को सजा सुनाई जा चुकी है. डोरंडा का जिन्न आए दिन इन दोषियों को कोर्ट से दस्तक दे रहा है.
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रांची : बिहार-झारखंड के बहुचर्चित चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में लालू यादव एक तरफ जहां रिम्स की चारदीवारी में कैद हैं. वहीं, चारा घोटाला का जिन्न अभी भी जिंदा है. यह जिन्न डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में अदालत से लगातार दस्तक दे रहा है. आखिर क्या है ये डोरंडा का घोटाला और इस पर कब आएगा फैसला.
चारा घोटाला के विभिन्न मामलों ने लालू यादव को सलाखों के पीछे खड़ा कर दिया है. चाईबासा, दुमका और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव सलाखों के पीछे हैं. बुधवार को चाईबासा के एक सप्लिमेंट्री मामले पर फैसले के साथ ही चारा घोटाले में 53 में से 51 केस का निष्पादन हो गया.
दरअसल चारा घोटाला मामले में विभिन्न कांड संख्या के तहत कुल 53 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें लालू यादव के ऊपर पांच मामले दर्ज हुए थे. मौजूदा स्थिति में 51 केस का निष्पादन कर दिया गया है, जबकि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दो मामले पेंडिंग हैं. यह घोटाला तकरीबन 139 करोड़ का है. लोक अभियोजक के मुताबिक, यह चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला रहा है. इसके निष्पादन के लिए सात स्पेशल कोर्ट का गठन और स्पीडी ट्रायल हुआ.
चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में लालू यादव सहित कई लोग आरोपी बनाए गए थे, जिसमें से चार मामलों में सभी को सजा सुनाई जा चुकी है. डोरंडा का जिन्न आए दिन इन दोषियों को कोर्ट से दस्तक दे रहा है. खासकर लालू यादव की बात करें तो उन्हें चाईबासा के दो मामले और देवघर और दुमका के मामले में सजा सुनाई जा चुकी है. वह रांची के होटवार जेल की निगरानी में रिम्स की चारदीवारी में कैद हैं.
लालू यादव के अधिवक्ता के मुताबिक, बेल पेटिशन को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दिया गया है. लेकिन गर्मी की छुट्टियों के बाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने बताया कि जब चाईबासा के मामले पर लालू यादव को सजा हुई थी तो उस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बेल दे दिया है. अन्य सभी मामलों पर एक ही गवाह और एक ही दस्तावेज पेश किया गया है. इसीलिए इस ग्राउंड पर वह सुप्रीम कोर्ट से बेल की अपील करेंगे. बीते दिनों इसी मामले में 5 साल की सजा काट रहे एक अन्य अभियुक्त को सुप्रीम कोर्ट ने बेल दी है.
बहरहाल डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में हर रोज सुनवाई का दौर जारी है. लेकिन ऐसे में लालू यादव की नजरें अब गर्मी छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट पर एक बार फिर टिकी होंगी कि आखिर सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है या फिर चारा घोटाला का जिन्न उन्हें जेल की चारदीवारी में ही कैद रखता है.