चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव ने हाईकोर्ट में की अपील
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चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू यादव ने हाईकोर्ट में की अपील

लालू एवं उनके चारा घोटाले के 15 अन्य सह अभियुक्तों को अदालत ने छह जनवरी को ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से सजा सुनाने के बाद आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि जेल में प्रेषित कर दी थी.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव. (फाइल फोटो)

रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने चारा घोटाले के देवघर कोषागार से फर्जी निकासी के मामले में मिली सजा के खिलाफ शुक्रवार (12 जनवरी) को यहां झारखंड उच्च न्यायालय में अपनी अपील दाखिल की और साथ में जमानत की भी अर्जी दायर की. लालू प्रसाद के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने शुक्रवार (12 जनवरी) शाम यह जानकारी दी और कहा कि इस मामले पर अगले शुक्रवार अर्थात् 19 जनवरी को सुनवाई होने की संभावना है. लालू एवं उनके चारा घोटाले के 15 अन्य सह अभियुक्तों को अदालत ने छह जनवरी को ही वीडियो कांफ्रेंसिंग से सजा सुनाने के बाद आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि जेल में प्रेषित कर दी थी जिसे लेकर अन्य अधिकतर अभियुक्त भी झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अपील की तैयारी में हैं.

  1. चारा घोटाले के एक मामले में लालू प्रसाद को साढ़े 3 साल कारावास की सजा.
  2. रांची की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सुनाई सजा.
  3. देवघर के जिला कोषागार से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये निकालने का मामला.

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लालू के मुख्य अधिवक्ता चितरंज प्रसाद ने बताया कि अदालत ने शनिवार (6 जनवरी) को ही अपने आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि जेल में लालू के पास भिजवा दी थी जिसके आधार पर अपील की तैयारी की गयी और आज झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अपील दाखिल की गयी.राजद प्रमुख को साढ़े नौ सौ करोड़ रुपये के चारा घोटाले में दूसरी बार आपराधिक षड्यंत्र एवं भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत छह जनवरी को सजा सुनायी गयी. इससे पूर्व चारा घोटाले के ही चाईबासा कोषागार से जुड़े एक मामले में उन्हें तीन अक्तूबर, 2013 को भी इन्हीं धाराओं के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी थी.

लालू इन धाराओं में दोषी
लालू यादव को विशेष सीबीआई अदालत ने छह जनवरी को देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जी ढंग से गबन के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 467, 471एवं 477ए के तहत जहां साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी वहीं उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के आधार पर दोषी करार देते हुए भी अलग से साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी. अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि लालू की दोनों सजायें एक साथ चलेंगी. जुर्माना न अदा करने की स्थिति में लालू यादव को छह माह अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी. चारा घोटाले के इस दूसरे मामले में लालू को कुल मिलाकर अदालत ने साढ़े तीन वर्ष कैद एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी थी.