फारबिसगंज : नियमों को 'ताख पर रख' प्रिंसिपल ने ठेकेदार को दी बॉयज हॉस्टल में रहने की मंजूरी
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फारबिसगंज : नियमों को 'ताख पर रख' प्रिंसिपल ने ठेकेदार को दी बॉयज हॉस्टल में रहने की मंजूरी

बॉयज हॉस्टल परिसर में ठेकेदार अपने सामानों को रखे हुए हैं और कमरों में मजदूर रहते हैं.

गर्ल्स हॉस्टल में रह रहे हैं लड़के.

फारबिसगंज : बिहार के फारबिसगंज स्थित जिला शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र के हॉस्टल में अजब खेल चलता है. सरकार ने इस कॉलेज में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल बनवाया, ताकि दूर-दराज से यहां आकर पढ़ाई करने वाले लड़के और लड़कियां आराम से रह सकें. हकीकत कुछ और ही है. कॉलेज के प्रिंसिपल के द्वारा यहां के हॉस्टल के दुरुपयोग की बात सामने आयी है.

सरकार के द्वारा यहां डाइट की पढ़ाई करवाई जाती है. इस कॉलेज में रहकर अच्छी ट्रेनिंग के लिए बिहार सरकार ने यहां लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल्स बनवाए. कॉलेज के प्रिंसिपल की मनमानी के चलते यहां लड़कों के लिए बनाए गए हॉस्टल का बीते नौ महीने से भवन निर्माण में लगे ठेकेदार उपयोग कर रहे हैं. 

बॉयज हॉस्टल परिसर में ठेकेदार अपने सामानों को रखे हुए हैं और कमरों में मजदूर रहते हैं. बॉयज हॉस्टल का किचन बरामदा सभी ठेकेदार अपनी सहूलियत के हिसाब से उपयोग करते हैं. लड़के इस हॉस्टल के बदले गर्ल्स हॉस्टल पर कब्जा जमाए हुए हैं. 

'गर्ल्स हॉस्टल में लड़की नहीं लड़के रहते हैं'
गर्ल्स हॉस्टल के कमरे में लड़कियां नहीं रहती, बल्कि लड़के रहते हैं. सुनने में अटपटा जरूर लगता है, लेकिन सच्चाई यही है. बॉयज खाली नहीं होने के कारण लड़कों ने गर्ल्स हॉस्टल पर ही कब्जा कर लिया है. पूरे मामले पर जब हमने प्रिंसिपल से बात की तो वह तुरंत बॉयज हॉस्टल खाली करवाने की बात करने लगे. प्रिंसिपल भी मानते हैं कि बॉयज हॉस्टल उनके आदेश से ही ठेकेदार उपयोग कर रहे हैं.

प्रिंसिपल का कहना है कि लड़कियां नहीं हैं, इसलिए गर्ल्स हॉस्टल का उपयोग लड़कों को करने की इजाजत दी गई है. सवाल उठता है कि आखिर प्रिंसिपल के साथ ऐसी क्या मजबूरी है जो वह लड़कों के लिए बॉयज हॉस्टल खाली नहीं करवा रहे हैं? शिक्षण संस्थान में सरकार के नियमों का जिस तरह से खुलेआम मखौल उड़ाया जा रहा है वो काफी चिंतित करने वाला है. बिना विभागीय आदेश के सरकारी भवन का निजी उपयोग हो रहा है.