42 वर्षों में बनकर तैयार हुई कोनार नहर सिंचाई परियोजना की पोल उद्घाटन के 13 घंटे बाद ही खुल गई, जब रात 1:30 बजे बगोदर की कुसमरजा पंचायत के घोसके खतया सीमा पर नहर की बांध टूट गई.
Trending Photos
अभिषेक, रांची : झारखंड के हजारीबाग में बने कोनार डैम की नहर के बांध टूटने के मामले में 4 इंजीनियरों पर गाज गिरी है. जल संसाधन विभाग की जांच रिपोर्ट में इन चारों इंजीनियरों की लापरवाही की बात सामने आई है. रिपोर्ट में इस प्रकरण के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया गया था, जोकि पूरी तरह गलत साबित हुआ.
दरअसल, 42 वर्षों में बनकर तैयार हुई कोनार नहर सिंचाई परियोजना की पोल उद्घाटन के 13 घंटे बाद ही खुल गई, जब रात 1:30 बजे बगोदर की कुसमरजा पंचायत के घोसके खतया सीमा पर नहर का बांध टूट गया. इसके आसपास के खेत डूब गए.
इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली खबर यह थी कि विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए चूहे को जिम्मेदार ठहराया था. अभियंता प्रमुख हेमंत कुमार ने बताया कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव को सौंप दी है. विभागीय मंत्री ने चारों इंजीनियर के निलंबन को हरी झंडी दे दी है.
लाइव टीवी देखें-:
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि जिस तरह से कोनार डैम परियोजना का उद्घाटन हुआ और इसके बाद चूहे की बात सामने निकलकर आई, सरकार इसकी जांच करेगी. चारों अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बांध टूटने से किसानों का कितना नुकसान हुआ.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के कड़े तेवर के बाद कहीं न कहीं लीपा-पोती का काम शुरू हो गया है. सरकार ने चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्होंने सरकार को गिरेबान में झांकने की नसीहत दी है. साथ ही कहा कि जल संसाधन विभाग ही नहीं कई विभागों भ्रष्टाचार व्याप्त है. वहीं, जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि जिस तरह से भ्रष्टाचार पूरी तरह से फैला हुआ है अब इन लोगों ने चूहे को निर्दोष कर चार अधिकारियों को सस्पेंड किया है.