स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को नहीं मिली सहायता, सीएम को चिट्ठी लिख मांगी इच्छा मृत्यु
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स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को नहीं मिली सहायता, सीएम को चिट्ठी लिख मांगी इच्छा मृत्यु

स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी आज व्यवस्था से तंग आकर इच्छा मृत्यु के लिए फरियाद कर रही है. इच्छा मृत्यु के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है.

 

स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी ने इच्छा मृत्यु की मांग की है.

दीप नारायण/देवघरः सरकार की व्यवस्था और बाबुओं की मनमानी से कई परिवार ऐसे हैं जो सरकारी लाभ से वंचित हो जाते हैं. लेकिन जब स्वतंत्रता सेनानी के साथ ऐसा हो तो सिस्टम पर सवाल उठना लाजमी है. हालात ऐसे हैं कि स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी आज व्यवस्था से तंग आकर इच्छा मृत्यु के लिए फरियाद कर रही है.

मालती देवी जो जसीडीह के गोपालपुर की रहने वाली है और स्वतंत्रता सेनानी कुलानंद झा की पत्नी है. इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाली सम्मान राशि इन्हें नहीं मिली है. पति के दामन छोड़ जाने के बाद पत्नी को उम्मीद थी कि सरकार जरूर सुनेगी, लेकिन पहले जिला स्तर पर कागज एक कुर्सी से दूसरी कुर्सी तक दौड़ती रही. उसके बाद रांची गृह विभाग में फाइल जो गई आज तक वापस नहीं आई. ऐसे में मालती देवी ने स्वतंत्रता दिवस के पहले इच्छा मृत्यु की याचना कर रही है.

कुलानंद झा जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे, 1942 के आंदोलन में काफी सक्रिय रहे थे और अपनी अहम भूमिका निभाई, ताकि देश आजाद हो सके. देश आजाद हो गया लेकिन इस आजाद देश ने यह स्वतंत्रता सेनानी का कर्ज अदा नहीं किया. कर्ज़ तो छोड़िए फर्ज तक को भी अंजाम नहीं दिया. स्वतंत्रा सेनानी कुलानंद झा दफ्तर के चक्कर काटते काटते स्वर्गवासी हो गए और जिला प्रशासन ने भी पुष्टि की है कि यह एक स्वतंत्र सेनानी थे. लेकिन मृत्यु के बाद फाइल एक टेबल से दूसरी टेबल दौड़ती रही लेकिन न्याय नहीं मिला.

अब उनकी पत्नी मालती देवी चलने फिरने से असमर्थ हो गई हैं और अपने जीवन की आखरी घड़ी में है. उम्मीद बस इतनी थी कि पति का सम्मान राशि और पत्र मिल जाए तो पति के अधूरे सपने को पूरा कर खुद को गौरवान्वित महसूस करेंगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं पहले जिला स्तर पर और अब रांची के गृह विभाग में फाइल अटकी पड़ी है. व्यवस्था से तंग आकर आखिरकार मालती देवी ने इच्छा मृत्यु के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है. मालती देवी कहती है कि अब इन्हें कोई उम्मीद नहीं है ऐसे में अब यह दुनिया छोड़कर जाना चाहती हैं.

मालती देवी जसीडीह प्रखंड के गोपालपुर की रहने वाली है, टूटे से मकान में वह रहती हैं. अपने बेटे देवनंदन झा कई वर्षों से मां की उम्मीद को पूरा करने के लिए विभाग के चक्कर काटते रहते हैं. सभी दस्तावेज सुपुर्द भी कर दिए गए और विभाग ने पहले मान भी लिया कि यह स्वतंत्र सेनानी हैं. लेकिन फाइल जिला से रांची गृह विभाग में जब गई तो फिर वापस नहीं आई. लगातार पत्राचार करने के बावजूद भी कोई जवाब भी नहीं मिला ऐसे में मां के साथ बेटे ने भी उम्मीद छोड़ दी है.