बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए शहर ले जाना था, लेकिन सिल्ली दिबौर में नदी में पुल के निर्माण नहीं होने के कारण पूरे दिन तबीयत में सुधार होने का इंतजार किया गया.
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यशवंत/नवादा : बिहार का नवादा जिला में सरकारी उदासीनता के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई है. जिला के रजौली प्रखंड के चितरकोली पंचायत की मुखिया सुनीता देवी के ससुर रामस्वरूप यादव की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई. लोग उन्हें इलाज के लिए शहर की तरफ निकले, लेकिन सिल्ली दिबौर से गुजरने वाली नदी पर पुल नहीं होने के कारण अस्पताल पहुंचने में देरी हो गई. इस कारण उनकी मौत हो गई. ज्ञात हो कि स्थानीय लोग वर्षों से यहां पुल की मांग कर रहे हैं.
मुखिया सुनीता देवी के पति राजकुमार यादव ने बताया कि शनिवार को उनके चाचा की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. उन्हें इलाज के लिए शहर ले जाना था, लेकिन सिल्ली दिबौर में नदी में पुल के निर्माण नहीं होने के कारण पूरे दिन तबीयत में सुधार होने का इंतजार किया गया.
दिन में अचानक उनकी तबीयत और बिगड़ गई. तब मजबूर होकर परिजनों ने गांव के लोगों की मदद से उन्हें खटिया पर लादकर धनार्जय नदी में पानी की धारा के बीच उन्हें इलाज के लिए ले गए. शनिवार की रात में ही इलाज में देरी हो जाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया.
निधन के बाद जब शव को लेकर परिजन घर जा रहे थे तो उन्हें खटिया पर ही शव यात्रा भी निकालनी पड़ी. परिजनों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी दर्जनों ऐसे मामले हो चुके हैं, जब लोगों ने इलाज में देरी के कारण दम तोड़ दिया. अब देखना है कि आखिर कितने लोगों की जान जाने के बाद सरकार की नींद खुलती है और यहां पुल बनता है.
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