झारखंड: सभी धर्मों से था 'करीमन मियां' का मेलजोल, मौत के बाद दफन करने से रोका
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झारखंड: सभी धर्मों से था 'करीमन मियां' का मेलजोल, मौत के बाद दफन करने से रोका

यह घटना भवनाथपुर थाना क्षेत्र के मकरी गांव की है. इसी गांव के निवासी करीमन मियां की मौत हो गई. उनके जनाज़े को दफ़नाने के लिए क़ब्रिस्तान में गड्ढे ख़ोद परिजनों द्वारा सारी तैयारी की ही जा रही थी कि लेकिन वहां कुछ लोग पहुंचे और जनाजे को क़ब्रिस्तान में दफ़नाने से रोका और गड्ढे को भी भर दिया.

 

झारखंड के गढ़वा में एक इंसान को दफन करने से पहले इंसानियत दफन हो गई

गढ़वा: झारखंड के गढ़वा में एक इंसान को दफन करने से पहले इंसानियत दफन हो गई. मामला एक ऐसे व्यक्ति की मौत से जुड़ा है जो अपने जीते जी कभी हिन्दु-मुसलमान या किसी भी दूसरे धर्म के साथ फर्क नहीं किया. लेकिन मरने के बाद धर्म के कुछ ठेकेदारों ने उन्हें दो गज ज़मीन देने से मना कर दिया.

दरअसल यह घटना भवनाथपुर थाना क्षेत्र के मकरी गांव की है. इसी गांव के निवासी करीमन मियां की मौत हो गई. उनके जनाज़े को दफ़नाने के लिए क़ब्रिस्तान में गड्ढे ख़ोद परिजनों द्वारा सारी तैयारी की ही जा रही थी कि लेकिन वहां कुछ लोग पहुंचे और जनाजे को क़ब्रिस्तान में दफ़नाने से रोका और गड्ढे को भी भर दिया.

उनका कहना था कि करीमन मियां का दूसरे धर्म के समुदायों से भी अच्छा मेलजोल था और वो झाड़फूंक करते थे इसलिए उनके शव को इस कब्रिस्तान में नहीं दफनाया जाएगा. इसकी जानकारी जब गांव के कुछ लोगों को हुई तो वो तुरंत उनके घर पहुंचे. 

उसी गांव के दूसरे समुदाय के लोग आगे बढ़ कर गड्ढा खोदने की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए उनके जनाज़े को घर के पास ही खाली पड़े ज़मीन में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया.

वरिष्ठ समाजसेवी सह इस्लाम के जानकार यासीन अंसारी कहते हैं कि किसी के जनाज़े को मिट्टी देने से रोकना शरीयत में हराम माना गया है, ऐसा करने वाला व्यक्ति मौत के बाद नहीं बल्कि जीते जी दोज़ख देखता है, साथ ही कहा कि जिस भी धर्म के भाइयों ने जनाज़े को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया है, ऐसे पाक काम के लिए उन्हें खुदा जन्नत अता करेगा.