. गया जिलाधिकारी अभिषेक सिंह का कहना है कि जिले के सभी प्रखंडों के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने लगन से अपने कार्यों में योगदान दिया और उस लक्ष्य को हासिल किया.
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जय प्रकाश, गया : कोशिश करते रहे तो सफलता भी एक न एक दिन जरूर मिलती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया बिहार के गया (Gaya) ने. पानी के लिए परेशान इस जिले ने जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Abhiyan) में टॉप रैंकिंग हासिल की है. गया को पहला स्थान मिलने से जिले में खुशी का माहौल है. तेलंगाना के महबूबनगर को दूसरा और आंध्र प्रदेश के कडपा को तीसरा मुकाम मिला है. वहीं, झारखंड का धनबाद जिला चौथे पायदान पर रहा. इस अभियान में देश के 253 जिले थे, जिनमें से 27 जिले किसी पायदान पर नहीं ठहरे.
रैंकिंग में गया को 81 अंक मिले, जो निकटतम प्रतिद्वंद्वी से तकरीबन 15 प्रतिशत ज्यादा हैं. गया जिलाधिकारी अभिषेक सिंह का कहना है कि जिले के सभी प्रखंडों के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने लगन से अपने कार्यों में योगदान दिया और उस लक्ष्य को हासिल किया.
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जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री की ओर से इस कार्यक्रम की शुरुआत एक जुलाई 2019 से की गई थी. गया जिले के तीन प्रखंड को भारत सरकार ने चिन्हित किया था. इसमें मानपुर, डुमरिया और इमामगंज शामिल है.साथ ही उन्होंने बताया कि 24 में से 21 प्रखंडों में भी जल जीवन हरियाली के तहत काम किया गया.
केंद्र और राज्य सरकार की इस मुहीम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का भी काम किया गया. इसमें मैराथन दौड़, साईकिल रैली, पेड़ों पर राखी बांधकर संकल्प सहित कई अन्य कार्यों के जरिए अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाया गया.
राज्य में दूसरे और तीसरे पायदान पर रहने वाले नवादा और जहानाबाद भी उसी मगध प्रमंडल के जिले हैं, जिनका मुख्यालय गया ही है. बिहार के प्रतिद्वंद्वियों में राजधानी पटना आठवें पायदान पर रहा. सबसे पीछे रहने वाला कटिहार सीमांचल के चार जिलों में से एक है. सीमांचल में पानी की प्रचूरता है, लेकिन संरक्षण-संग्रहण का पुख्ता इंतजाम नहीं है.
-- Meena Bisht, News Desk