किसान मेला में बोले गिरिराज- नेहरू ने गांव-गरीबी नहीं देखी इसलिए किसानों पर ध्यान नहीं दिया
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किसान मेला में बोले गिरिराज- नेहरू ने गांव-गरीबी नहीं देखी इसलिए किसानों पर ध्यान नहीं दिया

राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में 16 फरवरी से चल रहे तीन दिवसीय किसान मेले का मंगलवाल को समापन हुआ. इस समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उद्घाटन किया.

16 फरवरी से चल रहे तीन दिवसीय किसान मेले का मंगलवाल को समापन हुआ.

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में 16 फरवरी से चल रहे तीन दिवसीय किसान मेले का मंगलवाल को समापन हुआ. इस समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने उद्घाटन किया. इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव के द्वारा केंद्रीय मंत्री का सम्मान किया गया.

किसान मेले में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जिस समय लाल बहादुर शास्त्री ने हरित क्रांति लाया लेकिन यह हरित क्रांति विकास की अंधी गति में भागने लगा. इतनी अंधी गति में भागने लगा कि पंजाब जैसे राज्य इन पेस्टीसाइड का इतना प्रयोग करने लगा कि आज जब वहां से ट्रेनें खुलती है तो लोग उसे कैंसर ट्रेन कहते हैं.

उन्होंने कहा कि पंजाब के अंदर मध्य प्रदेश के गेहूं का कीमत है क्योंकि वहां रासायनिक खाद और कीटनाशक का कम प्रयोग किया जाता है. अगर उस वक्त हम लाइवस्टोक पर ध्यान दिए होते तो आज भारत के किसानों की हालत यह नहीं होती. उन्होंने कहा कि हमारे नीतिकारों के कारण हमारे देश का जो जानवर 5 से 7 लीटर दूध देती है उसी जानवर को जब ब्राजील ले गया तो वहां 50 लीटर दूध देती है.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उस वक्त के प्रधानमंत्री का दोष नहीं है क्योंकि उन्होंने कभी गांव नहीं देखा और ना ही गरीबी देखी और इसी सब कारण के इन सब चीजों पर उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया गया.

वहीं, किसान मेला के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए देश में बढ़ रहे जनसंख्या पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 15 अगस्त में भाषण के दौरान कहा गया कि जिन लोगों ने कम बच्चे पैदा किए हैं उन्होंने देश पर उपकार किया है तो उस वक्त कई लोगों के द्वारा गालियां दी गई क्योंकि कुछ लोगों ने तो तय ही कर लिया है कि हम केवल फैक्ट्री खोलेंगे.

गिरिराज सिंह ने साथ ही कहा कि गांधी, लोहिया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करना है तो कमियों के बारे में सोचना होगा कि देश की 70% आबादी गांव में है. देश की आत्मा गांव में है और देश की आत्मा तब खुशहाल होगा जब गांव उठेगा और गांव तब उठेगा जब किसान उठेगा .

वहीं, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने भी किसान मेला को सफल बताते हुए कहा कि यह मेला किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी. उन्होंने बताया कि लगभग 20000 से अधिक किसान यहां आए और विभिन्न प्रकार के तकनीकी को देखें और उन्हें समझे जिसे वह अपने क्षेत्रों में जाकर प्रयोग करेंगे और अच्छे लाभ उसे प्राप्त करेंगे.