बिहार: शिक्षा विभाग के आदेश को मानने में फिसड्डी साबित हुए सरकारी स्कूल, की यह गलती...
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बिहार: शिक्षा विभाग के आदेश को मानने में फिसड्डी साबित हुए सरकारी स्कूल, की यह गलती...

मिलर हाईस्कूल में शिक्षक और प्रिंसिपल तो समय से पहुंच गए थे. लेकिन जो बच्चे स्कूल पहुंच रहे थे, उनके शरीर का न तो तापमान मांपा जा रहा था और न ही उन्होंने मास्क ही पहन रखे थे.

शिक्षा विभाग के आदेश को मानने में फिसड्डी साबित हुए सरकारी स्कूल.

पटना: कोरोना से छात्र बचे रहें लिहाजा शिक्षा विभाग ने पिछले महीने लंबा दिशा-निर्देश जारी किया. सभी तरह के मानकों के पालन का आदेश था. लेकिन सरकारी स्कूल इस आदेश को मानने में फिसड्डी साबित हुए. बीरचंद पटेल स्थित मिलर हाईस्कूल में शिक्षक और प्रिंसिपल तो समय से पहुंच गए थे. लेकिन जो बच्चे स्कूल पहुंच रहे थे उनके शरीर का न तो तापमान मांपा जा रहा था और न ही उन्होंने मास्क ही पहन रखे थे.

इस स्कूल में ऐसा कोई छात्र नहीं नजर आया जो अभिभावक के सहमति पत्र के साथ स्कूल पहुंचा हों. हालांकि, राहत की बात ये थे कि नौ महीने के बाद छात्र आज काफी संख्या में नजर आए. मिलर हाईस्कूल में क्लास नौ के बच्चे जीवविज्ञान की पढ़ाई करते नजर आए. कमोबेश यही नजारा बोरिंग रोड स्थित अनुग्रह नारायण कॉलेज का नजर आया. यहां इंटर में पढ़ने वाले छात्र समय से पहुंच तो गए लेकिन मास्क बहुत कम के चेहरे पर नजर आया.

किसी भी तरह की शारीरिक तापमान की जांच या दूसरी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई. हालांकि, इंटर की इकोनॉमिक्स क्लास में छात्र-छात्रा 50 फीसदी उपस्थिति के साथ नजर आए. इन छात्रों में एक अजब तरह का अनुग्रह नारायण कॉलेज के प्रिंसिपल एसपी शाही के मुताबिक, सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं और हम पूरी तरह से तैयार हैं.

एक तरफ कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक सही समय पर स्कूल पहुंच गए थे तो वहीं शास्त्रीनगर स्थित राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्राएं तो पहुंच गई थीं. लेकिन शिक्षक या प्रधानाध्यापक नजर नहीं आए. वहीं, दूसरी ओर निजी विद्यालयों में पूरी तरह से सावधानी नजर आई. दीघा-आशियाना रोड स्थित डोन बॉस्को एकेडमी में छात्रों के लिए पूरी तैयारी दिखी.

जो भी छात्र या छात्रा पहुंचे उनका पूरी तरह से ध्यान रखा गया. स्कूल के एंट्रेंस पर छात्रों की शारीरिक जांच की गई और व्हाइट सर्किल बनाकर उन्हें क्लासरूम जाने की इजाजत मिली. हालांकि, इस स्कूल की तरफ से ट्रांसपोर्टेशन- करीब 9 महीने बाद आज स्कूल खुलने के बाद छात्रों में उत्साह देखा गया.

वहीं, सरकारी स्कूलों में कोरोना (Corona) को लेकर लापरवाही भी नजर आई. हालांकि, आज पहला दिन था. लेकिन लापरवाही को दुरूस्त करने की जरूरत है. अन्यथा छोटी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है.

Amita Kumari, News Desk