युवाओं की टोली ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सिंचाई में काम आने वाले पंपिंग सेट को खोलकर नाव बना लिया.
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राजीव/कटिहार : बिहार में बाढ़ के कहर के बीच युवकों की टोली मिशाल कायम कर रही है. ये युवा जुगाड़ टेक्नोलॉजी के सहारे मोटरबोट बनाकर एनडीआरएफ की तरह बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं. बाढ़ में फंसे परेशान और जरूरतमंद पीड़ितों तक मोटरबोट के सहारे राहत पहुंचा रहे हैं या फिर उन्हें वहां से सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं.
युवाओं की टोली ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सिंचाई में काम आने वाले पंपिंग सेट को खोलकर नाव बना लिया. टोली के लीडर अबुतला मुनीर का कहना है कि प्रत्येक वर्ष बाढ़ आती है. ऐसे में नाव ही जरिया है लोगों को बचाने का. उनका कहना है कि टीम पूरे गांव में गस्त कर रही है. जरूरतमंदों तक इनकी टोली मदद पहुंचाती है. जुगाड़ से तैयार इस नाव में छह से सात आदमी सवार हो सकते हैं.
टोली के एक सदस्य गालिब का कहना है कि गांव बाढ़ से प्रभावित रहता है. राहत और बचाव के लिए इस नाव को तैयार किया गया है. सरकार की तरफ से कोई नाव गांव को नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इसमें चदरा-एंगल को वेल्डिंग कर तैयार किया गया है. नाव में आठ से दस आदमी कहीं भी आ और जा सकते हैं.
ज्ञात हो कि जिले के आधा दर्जन प्रखंड के लाखों लोगों की जिंदगी पानी में फंसी हुई है. सरकार के द्वारा दी जाने वाली बाढ़ राहत की कमी से पीड़ित परेशान हैं. जान माल को खाने के लाले पड़े हुए हैं. पानी है कि थमने के लिए तैयार नहीं है. कटिहार के कदवा प्रखंड का नरगददा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित है. गांव के युवकों की टोली ने बाढ़ के पानी में फसे लोगों की जान बचाने और उसकी सहायता करने के लिए ठाना. चाहे गर्भवती महिला हो या जिसका घर-द्वार बह गया हो या फिर कोई बीमार, यह टोली उन तक सहायता पहुंचा रही है.
एनडीआरएफ टीम की तरह यह टोली बाढ़ के पानी में फंसे पीड़ितों की मदद के लिए 24 घंटा तत्पर रहते हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सरकारी नाव की कमी है. सरकार और प्रशासन के द्वारा बाढ़ पीड़ितों को दिए जा रहे सरकारी राहत सुविधाओं में कमी के बावजूद ग्रामीण पीड़ितों की मदद कर मिशाल कायम कर रहे हैं.