सपा-बसपा के गठबंधन को जीतनराम मांझी की सलाह, न करें कांग्रेस को कम आंकने की भूल
यूपी में सपा-बसपा गठबंधन से कांग्रेस को अलग रखने पर जीतनराम मांझी ने सलाह दी है.
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आशुतोष चंद्रा/पटनाः उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा पार्टी ने हाथ मिला लिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक साथ मिलकर गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया है. वहीं, इस गठबंधन में कांग्रेस को 2 सीट देने की बात कही गई. जिसपर सियासत तेज हो गई है. बिहार में भी इस मुद्दे पर राजनेता बयान और सलाह दे रहे हैं. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी सपा-बसपा को सलाह दी है.
दरअसल, जहां एक ओर महागठबंधन बनाने की बात हो रही थी. वहां यूपी में महागठबंधन बनने की आश खत्म हो चुकी है. वहीं, गठबंधन में कांग्रेस को अलग रखने से कुछ दल के नेता इसे सही नहीं मान रहे हैं. उनका कहना है कि इससे बीजेपी को फायदा हो सकता है.
बिहार की सियासत में महागठबंधन अपनी मजबूती का एहसास कराने में जुटा है. लेकिन यूपी में महागठबंधन नहीं बन पाने का कसक भी महागठबंधन के नेताओं के बीच देखने को मिल रहा है. हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने यूपी में गठबंधन को लेकर सपा-बसपा को सलाह देते हुए कहा है कि कांग्रेस को दो सीटें देकर उन्हें कम आंकने की भूल न करें.
जीतन राम मांझी ने सपा और बसपा को कहा है कि बीते 3 राज्यों के चुनाव में भी महागठबंधन बनना था. लेकिन कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया. नतीजा सबके सामने है. कांग्रेस की 3 राज्यों में सरकार बनी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक शक्ति है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है. कही ऐसा न हो कांग्रेस को दरकिनार करने के चक्कर में बीजेपी को इसका फायदा मिल जाए. इसलिए दोनों दलों को सलाह है कि फिर से मामले पर विचार करें.
इससे पहले सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन कि हुई पहली बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने भी कुछ ऐसा ही संदेश दिया था. तेजस्वी यादव ने कहा था कि वो चाहते हैं कि पूरे देश मे महागठबंधन बने. बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर वो खुद यूपी जाएंगे और कोशिश करेंगे कि कांग्रेस को भी महागठबंधन में शामिल किया जाए.
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