अमेरिका और ब्रिटेन में गले का कैंसर महामारी की तरह फैल रहा है. जानकारों का कहना है कि गले के कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस यानी एचपीवी होता है. इस वायरस के बारे में कहा जाता है कि यह ओरल सेक्स के चलते फैलता है. डेली मेल की खबर के अनुसार, ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के डॉ. हिशम महन्ना का कहना है कि गले के कैंसर के 70 प्रतिशत मामले एचपीवी के चलते फैलते हैं. यह वायरस सेक्स के दौरान संक्रमण से फैलता है और यह कैंसर के कई रूपों से जुड़ा हुआ है. डॉ. मेहन्ना ने कहा कि कई ओरल सेक्स पार्टनर वाले लोगों में गले के कैंसर का खतरा 9 गुना तक बढ़ जाता है. 


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इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक टीके का ईजाद किया गया है लेकिन केवल 54 प्रतिशत अमेरिकियों ने यह टीका लगवाया है, जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरी जनसंख्या का 80 प्रतिशत तक होना चाहिए. डाॅक्टरों ने चेतावनी दी है कि एचपीवी पुरुषों और महिलाओं के गले में फैलने वाले कैंसर का मुख्य कारण है. 


विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में 1999 से गले के कैंसर के नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है. यह महिलाओं में प्रति वर्ष लगभग एक प्रतिशत और पुरुषों में तीन प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. डॉ मेहन्ना के अनुसार, पिछले दो दशकों में गले के कैंसर में तेजी से वृद्धि हुई है. कुछ लोगों ने तो इसे महामारी भी कहा है. इसे ऑरोफरीन्जियल कैंसर कहा जाता है. यह गले के कैंसर का सबसे आम प्रकार है और टॉन्सिल और गले के पिछले हिस्से में दिखता है. 


जानकारों का कहना है कि 6 या इससे अधिक ओरल सेक्स करने वालों में ओरल सेक्स न करने वालों की तुलना में ऑरोफरीन्जियल कैंसर विकसित होने की संभावना 8.5 गुना अधिक होती है. अमेरिका में हर साल मौखिक या ऑरोफरीन्जियल कैंसर के 50,000 से अधिक मामलों का निदान किया जाता है. इससे सालाना 10,000 से अधिक मौतें होती हैं.


अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, गले के कैंसर के केस बढ़ रहे हैं. यह महिलाओं में प्रति वर्ष 1.3 प्रतिशत और पुरुषों में 2.8 प्रतिशत तक हो रहा है. डॉक्टरों ने पाया है कि ओरल सेक्स उनके लिए सबसे बड़ा जोखिम वाला कारक है. ऐसा इसलिए है क्योंकि गले के पीछे या टॉन्सिल के पास एचपीवी संक्रमण हो सकता है. यूके में सिर और गर्दन के कैंसर संयुक्त रूप से प्रति वर्ष 12,000 से अधिक मामलों और 4,000 मौतों के लिए जिम्मेदार हैं. इस डेटा से पता चलता है कि यूके में गले के कैंसर के मामले अमेरिका की तरह ही ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं. 


उधर, मिशिगन के डेट्रायट में हेनरी फोर्ड हेल्थ के डॉक्टरों के एक सर्वे में चौंकाने वाला नतीजा सामने आया. एचपीवी एक सामान्य वायरस है जो किसी ऐसे व्यक्ति के साथ योनि, गुदा और मुख मैथुन से फैलता है जो पहले से ही संक्रमित है. एचपीवी के लिए एक टीका भी बनाया गया है, जो 80 प्रतिशत से अधिक प्रभावी है. 11 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों को दो खुराक में यह टीका दिया जाता है. वहीं 15 से 26 साल के लोगों के लिए तीन खुराक का टीका उपलब्ध है. टीका 2020 तक अमेरिका में केवल महिलाओं के लिए उपलब्ध था. उसके बाद इसे पुरुषों के लिए विकसित किया गया था.


शोध का नेतृत्व करने वाले मिशिगन के डेट्रोइट में हेनरी फोर्ड हेल्थ सेंटर के सहायक वैज्ञानिक डॉ. एरिक बोआके ने कहा, एचपीवी से जुड़े 90 प्रतिशत से अधिक कैंसर को एचपीवी वैक्सीन से रोका जा सकता है. फिर भी वैक्सीन का असर अभी बाकी है.