उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा क्वालिटी एजुकेशन देना सरकार की प्राथमिकता: हेमंत सोरेन
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उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा क्वालिटी एजुकेशन देना सरकार की प्राथमिकता: हेमंत सोरेन

राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में  लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के नीतिगत विषयों की समीक्षा के दौरान कही. 

 

राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध है.

रांची: राज्य सरकार उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार तथा विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में  लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के नीतिगत विषयों की समीक्षा के दौरान कही. 

इस उच्चस्तरीय बैठक में शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के पदों पर रिक्तियां, नियमित नियुक्तियों के लिए व्यवस्था, संविदा आधारित शिक्षकों की समस्याएं, बीएड कॉलेजों में नामांकन से संबिंधित प्रस्ताव और राजकीय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों को राज्यों के विश्वविद्यालयों के अंतर्गत संचालित किए जाने संबंधी नीतिगत विषयों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की. 

 खाली पदों को भरना प्राथमिकता है 
बैठक में विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू और सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय दुमका में कुल 3732 पद स्वीकृत हैं. इसमें 2030 पद रिक्त हैं. जबकि 4181 अतिरिक्त पद हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले 2008 में विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर जेपीएससी के माध्यम से बहाली हुई थी. वर्तमान में इन पदों पर नियुक्ति के लिए बेहतर विकल्प पर भी इस बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया.

 घंटी आधारित शिक्षकों को मिले निश्चित मानदेय 
इस बैठक में संविदा पर नियुक्त लगभग एक हजार घंटी  आधारित शिक्षकों की समस्याओं के समाधान को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से चर्चा की. इसमें घंटी आधारित शिक्षकों को हर माह निश्चित राशि देने पर भी विचार किए जाने का मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया.

क्वालिफाईंग मार्क्स के आधार पर नामांकन करने भी चर्चा 
विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत कराया कि राज्य के बीएड महाविद्यालयों में 2019-20 सत्र से जेसीईसीबी द्वारा संचालित संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा नामांकन हो रहा है. लेकिन, इस वर्ष कोरोना संकट को देखते हुए बीएड कॉलेजों में विद्यार्थियों का नामांकन क्वालिफाईंग मार्क्स के आधार पर करने को लेकर निर्णय लिया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने इसपर विचार कर आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही.

 राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों से जुड़ा प्रस्ताव 
राज्य में चार राजकीय शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय हैं. इनमें दो रांची में और एक-एक हजारीबाग और देवघर में है. वर्तमान में इन महाविद्यालयों का संचालन उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग कर रही है. विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि इन महाविद्यालयों का संचालन संबंधित विश्वविद्यालयों के अंतर्गत संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है.

 बीआईटी सिंदरी को तकनीकी संस्थान के रुप में विकसित करना 
बीआईटी सिंदरी लगभग 450 एकड़ में फैला हुआ है. यहां लगभग चार हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं. यह राज्य का एकमात्र राजकीय अभियंत्रण संस्थान है, जहां किफायती शुल्क पर राज्य के विद्यार्थी तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इस संस्थान को उच्च कोटि के राष्ट्रस्त्रीय तकनीकी संस्थान के रुप में विकिसत करने की दिशा में पहल की जाएगी, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में नवनिर्मित अभियंत्रण महाविद्यालयों और पॉलीटेक्निक संस्थानों को मल्टी डिसीप्लनरी संस्थान के रुप में विकसित किया जाए, ताकि इन भवनों का ज्यादा से ज्यादा और बेहतर इस्तेमाल हो सके.