पटना के लोग 27, 28 और 29 सितंबर को शायद ही भूल पाएंगे, जब तीन दिनों की बारिश के बाद जलजमाव ने उन्हें घर में ही कैद रहने के लिए मजूबर कर दिया. जलजमाव के लिए प्रकृति से ज्यादाराज्य सरकार की शहरी संस्थाएं जिम्मेदार थीं.
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पटना: बिहार की राजधानी पटना में बारिश (Patna Rain) के बाद जलजमाव (Water Logging) के कारण सरकार की खूब किरकिरी हुई. इसके बाद राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है, जो कि हर बिंदुओं की जांच कर रही है. संप हाउस के रखरखाव और निगरानी रखने वाली इकाई यानी बुडको पर भी सवाल खड़े हुए हैं. बुडको ने दावा किया है कि पटना को दोबारा जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं, पूरे मामले में पटना नगर निगम की लापरवाही भी उजागर हुई है. कहा जा रहा है नालों की सफाई ठीक ढंग से नहीं हुई.
पटना के लोग 27, 28 और 29 सितंबर को शायद ही भूल पाएंगे, जब तीन दिनों की बारिश के बाद जलजमाव ने उन्हें घर में ही कैद रहने के लिए मजूबर कर दिया. जलजमाव के लिए प्रकृति से ज्यादाराज्य सरकार की शहरी संस्थाएं जिम्मेदार थीं.
शहर में जिन 38 संप हाउस के सहारे पानी निकाला जाना था उनमें से अधिकतर काम ही नहीं कर रहे थे. स्थिति इतनी बुरी थी कि डीजल से चलने वाले संप हाउस के मोटर के लिए डीजल तक उपलब्ध नहीं थे. बिहार में संप हाउस के रखरखाव और निगरानी की जिम्मेदारी बुडको यानी बिहार शहरी आधारभूत विकास निगम लिमिटेड की थी. उसकी लापरवाही का खामियजा पटना के लाखों लोगों ने भुगता.
बुडको के साथ ही पटना नगर निगम की भी लापरवाही सामने आई. बिहार सरकार की तरफ से गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने अब जलजमाव के कारणों की जांच शुरू की है. कमेटी से पार्षदों ने कहा है कि नालों की उड़ाही सही तरीके से नहीं हुई. पार्षदों ने निगम पर भी सवाल खड़े किए हैं. हालांकि पटना नगर निगम अब भी इससे इनकार कर रहा है. अपनी गलती न मानते हुए पूरे मामले से पल्ला झाड़ रहा है. जनसंपर्क अधिकारी सुशील कुमार के मुताबिक, अब जबकि उच्च स्तरीय समिति जलजमाव के कारणों की जांच कर रही है तो उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.
जलजमाव के बाद बिहार सरकार ने विकास आय़ुक्त अरूण कुमार सिंह की अगुवाई में एक कमेटि बनाई है. कमेटी में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा भी शामिल हैं. कमेटी को एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी है. लिहाजा वो पटना के बड़े संप हाउस का जायजा ले रही है. कमेटी को ये जानकारी दी गई कि राजधानी के संप हाउस काम नहीं कर रहे थे.
बुडको के एमडी चंद्रशेखर सिंह मानते हैं कि कुछ संप हाउस लो लाइन इलाके में होने के कारण नहीं चल रहे थे, लिहाजा अब उन्हें ऊपर लाया जाएगा और इसके साथ ही इन संप हाउस के पास सबमर्सिबल पंप भी लगाया जाएगा. उनके मुताबिक, संप हाउस का निरीक्षण कराया गया है. बेहतरी को लेकर शॉर्ट, मिड और लॉन्ग टर्म प्लान बनाया जा रहा है.