इस बार रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव पड़ गया है लिहाजा राजनीतिक दल रोजा और इफ्तार के बहाने अपनी जीत सुनिश्चित करने में लग गए हैं.
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पटना: रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है लेकिन रमजान और इफ्तार के बहाने सियासत की परंपरा कोई नई नहीं है. इस बार रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव पड़ गया है लिहाजा राजनीतिक दल रोजा और इफ्तार के बहाने अपनी जीत सुनिश्चित करने में लग गए हैं.
कल राजधानी पटना के आशियाना इलाके में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद,पार्टी के कटिहार से सांसद तारीख अनवर, बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल सहित दूसरे बड़े नेता शामिल हुए. रोजा के बाद आयोजित इफ्तार में राजनीतिक दलों के नेता शामिल होते हैं. हालांकि राजनेता इसे केवल रस्म बताते हैं लेकिन बिहार सहित भारत के तमाम राजनीतिक दल भी इफ्तार में हिस्सा लेते हैं.
बिहार में लालू यादव ,रामविलास पासवान इफ्तार का आयोजन करते रहे हैं. हालांकि इफ्तार में भारतीय जनता पार्टी उतनी सक्रियता से हिस्सा नहीं लेती है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल के मुताबिक, बीजेपी सही मायने में धर्मनिरपेक्ष पार्टी है जहां किसी का तुष्टीकरण नहीं होता है. हालांकि वो सभी पंथ और धर्मों का सम्मान करती है.
बिहार में लालू यादव की सफलता में मुस्लिम वोट बैंक की अहम भूमिका रही है. लालू यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल हर साल इफ्तार का आयोजन करती है . बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ,जनता दल यूनाइटेड भी इफ्तार पार्टी का आयोजन करती है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इफ्तार में शामिल होते हैं. तमाम राजनीतिक दल के नेता इफ्तार में शामिल होने के की वजह भाईचारा को बढ़ावा देना बताते हैं लेकिन हकीकत है कि इफ्तार पार्टी भी कई राजनीतिक दलों की जीत-हार में भूमिका निभाती रही है. क्योंकि इसमें मुस्लिम समुदाय सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हैं.
पटना में कल आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होकर कांग्रेस ने इसकी शुरुआत कर दी है. कुछ दिनों के बाद इफ्तार पार्टी शुरू हो जाएगी जिसमें तमाम राजनीतिक दल के नेता शामिल होकर अपनी सियासत चमकाएं.