सवालों के घेरे में पुलिस, विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार करने के लिए वारंट का इंतजार क्यों?
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सवालों के घेरे में पुलिस, विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार करने के लिए वारंट का इंतजार क्यों?

पुलिस जब अनंत सिंह को गिरफ्तार करने गई थी उससे पहले ही वह अपने आवास से फरार हो गए. पुलिस यूएपीए मामले में अनंत सिंह को गिरफ्तार करने पहुंची थी. 

 

अनंत सिंह के घर पुलिस छापेमारी करने पहुंची थी.

पटनाः मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. उन पर एक के बाद एक केस दर्ज किए जा रहे हैं. वहीं, पुलिस जब अनंत सिंह को गिरफ्तार करने गई थी उससे पहले ही वह अपने आवास से फरार हो गए. पुलिस यूएपीए मामले में अनंत सिंह को गिरफ्तार करने पहुंची थी. लेकिन अब पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब यूएपीए मामले में विधायक को गिरफ्तार करना था तो वह न्यायालय से वारंट क्यों जारी करने की मांग कर रही थी.

अनंत सिंह के घर पुलिस रात में छापेमारी करने पहुंचे थे. लेकिन इससे पहले ही अनंत अपने आवास से फरार हो चुके थे. हालांकि, पुलिस पर सवाल खड़ा हो रहा है कि जब उन्हें यूएपीए मामले में उन्हें गिरफ्तार करना था तो वह वारंट का इंतजार क्यों कर रहे थे. मामला दर्ज करने के बाद ही अनंत सिंह को हिरासत में क्यों नहीं लिया गया.

आपको बता दें कि, यूएपीए मामले में ऐसा प्रावधान है कि पुलिस आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है. इसके लिए वारंट की जरूरत नहीं होती है. लेकिन पुलिस ने कोर्ट से पहले वारंट के लिए प्रे किया. लेकिन जब शनिवार शाम तक पुलिस को वारंट नहीं मिला तो पुलिस आधी रात को अनंत सिंह के घर पर छापेमारी कर गिरफ्तार करने पहुंची. लेकिन उससे पहले ही अनंत सिंह वहां से फरार हो चुके थे.

सवाल यह है कि अगर पुलिस को बिना वारंट ही गिरफ्तारी करनी थी तो उन्होंने मामला दर्ज करने के बाद ही उन्हें हिरासत में क्यों लिया. क्या पुलिस अनंत सिंह के फरार होने का इंतजार कर रही थी.

वहीं, पुलिस ने अनंत सिंह के आवास से एक कुख्यात अपराधी छोटे को गिरफ्तार किया है. जिसके बाद अनंत सिंह पर एक और मामला दर्ज किया गया है. क्योंकि उनके आवास से अपराधी गिरफ्तार किया गया है. इसलिए पुलिस ने अपराधी को पनाह देने के मामले में मामला दर्ज किया है. वहीं, पुलिस अब अनंत सिंह की तलाश में जुटी है.

आपको बता दें कि अनंत सिंह के लदमा स्थित घर से 16 फरवरी को पुलिस ने एके-47 और हैंड ग्रेनेट बरामद किया था. साथ ही अन्य संदिग्ध सामान भी बरामद की गई थी. पुलिस ने इस मामले में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था. साथ ही मामले की जांच में एनआईए भी शामिल हो गई थी और मामले को मुंगेर मामले से जोड़ कर जांच की जा रही है.