गया: आयकर विभाग ने जब्त की 90 करोड़ की संपत्ति, NRI का था दलितों की जमीन पर कब्जा
महाबोधि मंदिर के पीछे स्थित प्लॉट की कीमत 90 करोड़ रुपये के करीब है. जबकि सरकारी मूल्य करीब सवा 17 करोड़ रुपये है. यह जमीन मूल रूप से दलित समाज के लोगों की है.
Trending Photos
)
गया: बिहार के गया में आयकर विभाग (Income Tax) ने बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने बोधगया में सात बीघा और पांच कट्टा जमीन को अपने कब्जा में किया. दलितों से फर्जीवाड़ा कर एक एनआरआई ने जमीन अपने नाम कर लिया था. 90 करोड़ की संपत्ति को आयकर विभाग ने अटैच किया है.
आयकर विभाग की तरफ से बेनामी संपत्ति को लेकर पूरी तरह से चौकसी बरती जा रही है. बेनामी संपत्ति एक्ट के तहत ज्ञानस्थली बोधगया में बेनामी संपत्ति को जब्त कर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. संबंधित जमीन पर आयकर विभाग ने पूरे ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचकर जमीन पर नोटिस चिपकाया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब तीन महीने पहले आयकर विभाग ने जमीन की औपबंधिक जब्ती करने से संबंधित आदेश जारी किया था, जिसके बाद बेनामी संपत्ति एक्ट में निर्धारित प्रावधान के तहत यह प्रक्रिया किया गया है.
90 करोड़ है जब्त जमीन की कीमत
महाबोधि मंदिर के पीछे स्थित प्लॉट की कीमत 90 करोड़ रुपये के करीब है. जबकि सरकारी मूल्य करीब सवा 17 करोड़ रुपये है. यह जमीन मूल रूप से दलित समाज के लोगों की है. बसने के लिए कई वर्ष पहले उन्हें यह जमीन दी गई थी, लेकिन सीलिंग की इस जमीन को 2014 में किट्टी नवानी नामक एक तथाकथित विदेशी बौद्ध नागरिक ने दलितों को बहला फुसलाकर थाई भारत सोसाइटी नामक एक ट्रस्ट के नाम से रजिस्ट्री करवा लिया था.
उसने खुद को इस ट्रस्ट का महासचिव बताया था. साथ ही इस जमीन को गलत तरीके से गया नगर निगम से दाखिल खारिज भी करवा लिया गया था. इसी वजह से इससे जुड़े तमाम मामलों की तफ्तीश के बाद आयकर विभाग ने इसे बेनामी संपत्ति एक्ट के अंतर्गत जब्त किया है.
कट्टी नवानी ने इस जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए खुद को बोधगया के मस्तीपुर गांव का निवासी बताते हुए संबंधित ट्रस्ट का फर्जी अध्यक्ष घोषित किया था. हालांकि जांच में पता चला कि कट्टी नवानी का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. वह बैंकॉक का मूल व्यवसायी है. इसके अलावा उसके बारे में किसी तरह की कोई खास जानकारी किसी भी जांच एजेंसी के पास नहीं है.
More Stories