11 महीने बाद खुला India-Nepal Border, फिर भी जाना नहीं आसान, जानें क्यों
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11 महीने बाद खुला India-Nepal Border, फिर भी जाना नहीं आसान, जानें क्यों

India-Nepal Border News: नेपाल जाने के लिए आपको बेबसाइट ccmc.gov.np पर ऑनलाइन आवेदन कर नेपाल जाने का कारण और स्थल का विवरण देकर वेबसाइट के माध्यम से ई-पास के रूप में Bar Code प्राप्त करना होगा.

11 महीने बाद खुला India-Nepal Border (फाइल फोटो)

Motihari: कोरोना को लेकर पिछले 11 महीने से बंद भारत-नेपाल बॉर्डर को नेपाल के गृह मंत्रालय ने रक्सौल बीरगंज बॉर्डर सहित कुल 30 बॉर्डर खोलने का आदेश जारी कर दिया है, लेकिन बॉर्डर खुलने का बावजूद भारत से नेपाल जाना आसान नही है. दरअसल, नेपाल ने नए नियमों में ऐसी शर्तें लागू की गई है जिसका पालन करना व्यवहारिक रूप से बहुत मुश्किल है.

जानकारी के अनुसार, नेपाल जाने के लिए आपको बेबसाइट ccmc.gov.np पर ऑनलाइन आवेदन कर नेपाल जाने का कारण और स्थल का विवरण देकर वेबसाइट के माध्यम से ई-पास के रूप में Bar Code प्राप्त करना होगा. इसके अलावा शर्तों के मुताबिक, आपके पास 72 घंटे के अंदर की Corona Ngative रिपोर्ट भी होनी चाहिए.

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ऐसे में अगर आप इमर्जेंसी हालात में अचानक बॉर्डर पर पहुंच नेपाल जाने की कोशिश करते है तो वहां पहले आपका कोविड टेस्ट किया जाएगा. जिसके बाद अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकलती है तो आपको आइसोलेशन या क्वारंटाइन सेंटर भेजा जाएगा, जो नेपाल में शुल्क देय है. इन सभी प्रक्रियों के बाद आप व्यक्तिगत जा सकते है, वाहनों को नेपाल लेकर जाने की अनुमति नही है. जबकी नेपाल के नागरिक व्यक्तिगत और वाहन किसी भी तरह से बिना रोक-टोक भारत मे आ-जा सकते है. उनको किसी टेस्ट या पास की जरूरत नहीं होंगी.

बता दें कि India-Nepal के बीच करीब 1800 KM बॉर्डर क्षेत्र है. जिसमे छोटे-बड़े मिलाकर करीब 30 बॉर्डर है. नेपाल के सात राज्यों में से 6 राज्यों का बॉर्डर भारत से लगता है और भारत के 4 राज्य बंगाल, बिहार, उतर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा नेपाल से लगती हैं. ऐसे में नेपाल के द्वारा नए नियम लागू कर भारत-नेपाल के रिश्तों को कानूनी दाव पेंज में बांधने की कोशिश है. कागजों में बॉर्डर खोलने के बावजूद कोई भी व्यक्ति नेपाल नही जा पायेगा.

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इस सबंन्ध मे भारत-नेपाल मैत्री संघ के अध्यक्ष अशोक वैध का कहना है कि 'ऐसे नियम थोपना ठीक नही है. भारत नेपाल दोनों देशो के कूटनीतिज्ञ को नियम में सरलीकरण करना चाहिए ताकि भारत-नेपाल का रिश्ता कानूनी पेंज में नही बंधे, लोग पूर्व की भांति आ जा सकें'.

(इनपुट- पंकज कुमार)