बिहार: उद्योग जगत को है आम बजट का इंतजार, ये हैं खास उम्मीदें
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बिहार: उद्योग जगत को है आम बजट का इंतजार, ये हैं खास उम्मीदें

बिहार के उद्योग जगत को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. उद्योग जगत की माने तो केन्द्र सरकार ने बजट में बिहार पर ध्यान दिया तो इससे न केवल यहां के आमलोगों का भला होगा बल्कि बिहार औद्योगिक मंदी से भी उबर जाएगा.

बिहार के उद्योग जगत को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं.(प्रतीकात्मक तस्वीरें)

पटना: आम बजट पर न केवल आमलोगों की नजरें टिकी हैं बल्कि बिहार के उद्योग जगत को भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. उद्योग जगत की माने तो केन्द्र सरकार ने बजट में बिहार पर ध्यान दिया तो इससे न केवल यहां के आमलोगों का भला होगा बल्कि बिहार औद्योगिक मंदी से भी उबर जाएगा.

आम बजट से उम्मीदों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है. बिहार का उद्योग व्यवसाय जगत भी आम बजट से काफी उम्मीदें हैं. बिहार कृषि प्रधान राज्य है. यहां की सरकार ने उद्योगों के विस्तार के लिए काफी कोशिशें की हैं लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में मनचाहा ग्रोथ बिहार को नहीं मिल सका है.

बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल कहते हैं कि अगर केन्द्र सरकार चाहे तो बिहार के आमलोगों के साथ व्यवसाय जगत के लोगों का भी भला हो सकता है. व्यवसाय जगत के लोगों को बजट से ये उम्मीदें हैं.

  • इनकम टैक्स स्लैब को आकर्षक बनाना.
  • उद्योग जगत खासतौर पर एमएसएमई सेक्टर को स्पेशल इन्सेंटिव दिया जाए
  • आमलोगों को इन्वेस्टमेंट में इन्सेंटिव मिले.  80 सी के लिमिट को डेढ लाख से बढाकर ढाई से तीन लाख किया जाए.
  • इनकम टैक्स में वन टाईम सेटलमेंट का प्रावधान भी सरकार करे.
  • बिहार जैसे पिछडे राज्य के लिए स्पेशल इन्सेंटिव की व्यवस्था की जाय.
     

चैंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से उद्योग के साथ साथ आम लोगों के हितों की भी बात निकलकर सामने आई है. लेकिन उद्योग जगत की डिमांड वित्त मंत्री से कुछ और भी है. बिहार इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी कहते हैं कि बिहार के उद्योग जगत का भला केन्द्र सरकार की नीतियों पर ही टिका है. केपीएस केसरी ने आम बजट में बिहार को मिलनेवाली हिस्सेदारी पर ये बातें कहीं..
बिहार को स्पेशल पैकेज मिलना चाहिए.

  • सवा लाख करोड के पुराने पैकेज का पैसा बिहार को जल्द से जल्द दिया जाए और बिहार में बचे हुए पैकेज का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए.
  • अमृतसर हावडा इन्डस्ट्रीयल कोरीडोर को जल्द से जल्द मूर्त रुप दिया जाय. कॉरिडोर बनने से बिहार के औरंगाबाद, गया, कैमूर जैसे 6 जिलों को फायदा होगा.
  • दिल्ली मुंबई की तर्ज पर विदेशी कंपनी के सहयोग से बिहार में भी उद्योग जगत को जमीन खरीद के लिए डेडिकेटेड कॉरिडोर की सुविधा मिले.
  • मेडिएसन के जरिये टैक्सेशन के विवाद को सुलझाया जाए.

बिहार की बेहतरी के लिए वित्त मंत्री को दिये जा रहे सुझावों में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी अपने सुझाव दिये हैं. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के बिहार अध्यक्ष सत्यजीत सिंह कहते हैं कि केन्द्र सरकार को अगर कुछ बेहतर करना है तो जीएसटी को पूरी तरह स्टैबलिस्ड करना होगा. अभी भी जीएसटी स्टैबलिस्ड नहीं है और समय-समय पर लगातार उसमें बदलाव किए जा रहे हैं. जिसके कारण व्यवसाय और उद्योग जगत में भ्रम की स्थिती बनी हुई है.