उमेश कुशवाहा को अध्यक्ष बनाए जाने पर सियासत तेज, RJD बोली-जाति की राजनीति करती है JDU
Advertisement

उमेश कुशवाहा को अध्यक्ष बनाए जाने पर सियासत तेज, RJD बोली-जाति की राजनीति करती है JDU

भारतीय जनता पार्टी के नेता अरविंद सिंह कहते हैं कि नीतीश कुमार ने एक स्वागत योग निर्णय लिया है. जेडीयू इससे मजबूत होगा. जदयू को मजबूत होने से एनडीए भी मजबूत होगा. 

बिहार के मुख्यमंत्री हैं नीतीश कुमार. (फाइल फोटो)

पटना: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को बनाए जाने पर पार्टी के नेता रामसेवक सिंह ने कहा कि पार्टी के इस निर्णय से 'लव-कुश' समीकरण और मजबूत होगा. पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित वोट को मजबूती देने के लिए पार्टी की ओर से जो निर्णय लिया गया वह स्वागत योग्य है. वहीं, राजद नेता शक्ति यादव ने कहा कि जदयू हमेशा जात पात करती है. यह पार्टी जाति से ऊपर कभी भी नहीं उठती है, जिन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है उनके बारे में क्या नहीं पता. उमेश कुशवाहा मछुआरों के हत्यारा हैं.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रही है. लेकिन वह कहती है कि जदयू मजबूत होने से एनडीए ही मजबूत होगा. भारतीय जनता पार्टी के नेता अरविंद सिंह कहते हैं कि नीतीश कुमार ने एक स्वागत योग निर्णय लिया है. जेडीयू इससे मजबूत होगा. जदयू को मजबूत होने से एनडीए भी मजबूत होगा. जबकि बीजेपी के लव कुश कैटेगरी से आने वाले प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि जेडीयू लव कुश समीकरण पर ही बनी हुई पार्टी है. शुरुआती काल से इस वोट बैंक के सहारे शासन में बनी हुई है. अब जब एक बार प्रदेश अध्यक्ष की कमान उमेश कुशवाहा को सौंपी गई है तो इससे पार्टी को काफी लाभ मिलेगा. लव कुश समीकरण और धारदार होगा.

इधर, जानकार बताते हैं कि नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर लव कुश समीकरण के सहारे शुरू हुआ है. वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार कहते हैं कि 90 के दशक से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इसी वोट बैंक को भुनाया है. जनता दल में जब नीतीश कुमार थे तो लव कुश समीकरण को आगे किया था. उसी से निकलकर समता पार्टी तक का सफर किया. नीतीश कुमार इसके पहले उपेंद्र कुशवाहा को नेता प्रतिपक्ष बनाया, जिसका फायदा उन्हें मिला था. अब जब सारे दल कुशवाहा को अपनी तरफ खींचने में लगे हुए हैं, उस मौके पर नीतीश कुमार ने प्रदेश अध्यक्ष का कमान उमेश कुशवाहा को सौंपा, इसका लाभ नीतीश कुमार को जरूर मिलेगा. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा भी कुशवाहा के बीच काफी प्रभावशाली नेता माने जा रहे हैं. अब देखना होगा कि उपेंद्र कुशवाहा कितना अपने असर को बनाए रखते हैं.