सूखे की चपेट में बिहार का बड़ा हिस्सा, महाराष्ट्र की तर्ज पर केंद्र करे मदद : केसी त्यागी
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सूखे की चपेट में बिहार का बड़ा हिस्सा, महाराष्ट्र की तर्ज पर केंद्र करे मदद : केसी त्यागी

बिहार विधानसभा में राज्य में जारी सुखाड़ की स्थिति पर विशेष सत्र बुलाया गया था. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किसानों की कर्जमाफी और पूरे प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है.

केसी त्यागी ने की केंद्र से मदद की उम्मीद. (फाइल फोटो)

पटना : बिहार का बड़ा हिस्सा सूखे के चपेट में है. केंद्र सरकार महाराष्ट्र की तर्ज पर बिहार की भी मदद करे. यह कहना है जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रधान महासचिव केसी त्यागी का. उन्होंने कहा कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति को लेकर बिहार सरकार संवेधनशील है. इससे निपटने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं. विपक्ष सरकार की मंशा पर उंगली नहीं उठा सकती है.

इससे पहले आज (मंगलवार की) सुबह नौ बजे बिहार विधानसभा में राज्य में जारी सुखाड़ की स्थिति पर विशेष सत्र बुलाया गया था. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किसानों की कर्जमाफी और पूरे प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है.

सूखे से निपटने के लिए 138 करोड़ मंजूर
सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि सूखे से निपटने के लिए सरकार काम कर रही है. 138.21 करोड़ राशि स्वीकृत कर दी गई है. डीजल सब्सिडी के लिए 60 करोड़, पीएचईडी को 42.21 करोड़ और आकस्मिकता निधि में 15 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

सरकार ने दिए ग्रामीण इलाकों में बिजली सप्लाई बढ़ाने के आदेश
राज्य सरकार ने सभी ग्रामीण इलाकों में कम से कम 18 से 20 घंटे तक बिजली आपूर्ति का आदेश जारी किया है. खेती के लिए बिजली बिल में भी रियायत का ऐलान किया है. सूखे को देखते हुए किसानों को नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. अब किसानों को 50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से डीजल अनुदान की राशि मिलेगी. वहीं, सिंचाई के लिये 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जाएगी, जो कि पहले 96 पैसे थी. इस वर्ष राज्य के किसानों को तीन पटवन के लिए यह सब्सिडी मिलेगी. 

मौसम विभाग को बारिश की उम्मीद
मौसम विभाग ने जल्द ही बारिश की उम्मीद जताई है. इसीलिए परिस्थितियों पर 31 जुलाई को फिर से समीक्षा होगी. बिहार के  25 जिले सुखाड़ की मार झेल रहा है. सूखे के कारण किसानों को अरबों का नुकसान हुआ है. करीब दो लाख हेक्टेयर जमीन में फसल की बुआई नहीं हुई है. किसानों को 11 अरब से अधिक की क्षति हुई है. 25 जिलों के 166 प्रखंडों में 40 फीसदी से कम बारिश हुई है. सरकार ने 25 जिलों की वास्तविक रिपोर्ट मांगी है.