जीविका दीदी आर्थिक स्वावलंबन की जीती जागती उदाहरण, ये CM के दूरदर्शी सोच का नतीजा- JDU
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जीविका दीदी आर्थिक स्वावलंबन की जीती जागती उदाहरण, ये CM के दूरदर्शी सोच का नतीजा- JDU

जीविका समूह द्वारा वैशाली जिला अस्पताल से शुरू हुई दीदी की रसोई का संचालन आज राज्य के 7 जिला अस्पतालों से बढाकर सभी जिला अस्पतालों में शुरू किए जाने को लेकर नीतीश कुमार ने निर्देश दिए हैं.

जीविका दीदी आर्थिक स्वावलंबन की जीती जागती उदाहरण, ये CM के दूरदर्शी सोच का नतीजा- JDU.

पटना: बिहार सरकार में पूर्व मंत्री व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि जीविका दीदियां आर्थिक स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक परिवर्तन का पर्याय बनकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन के कार्यक्रम सात निश्चय पार्ट-2 के तहत लागू "सशक्त महिला सक्षम महिला" को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. 

उन्होंने कहा कि सीएम की दूरदर्शिता का ही नतीजा है कि वर्ष 2007 में विश्व बैंक की आर्थिक सहायता से शुरू हुई जीविका (बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रोजेक्ट) से जुड़कर आज ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं न सिर्फ आर्थिक स्वावलंबन की प्रतीक बनकर उभरी हैं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का हथियार बनकर भी उभरीं. आज जीविका दीदियां जीविकोपार्जन के साथ खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य रक्षा का भी काम कर रही हैं.

जेडीयू नेता ने कहा कि महिलाओं द्वारा जीविका से जुड़ आत्मनिर्भरता का मार्ग चुनने से महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है. आज बिहार के 38 जिलों के 534 प्रखंडों में 10 लाख 26 हजार 926 स्वयं सहायता समूह से लगभग 1 करोड़ 25 लाख परिवार जुड़े हैं, जिन्हें बीमा से आच्छादित किये जाने का निर्णय लिया गया है. 

जीविका समूह द्वारा वैशाली जिला अस्पताल से शुरू हुई दीदी की रसोई का संचालन आज राज्य के 7 जिला अस्पतालों से बढाकर सभी जिला अस्पतालों में शुरू किए जाने को लेकर नीतीश कुमार ने निर्देश दिए हैं.

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से जब दुनियाभर में लॉकडाउन की स्थिति बनी और कोरोना से बचाव में मास्क की अहम भूमिका रही तब जीविका दीदियों ने मास्क की कमी दूर कर लगभग डेढ़ लाख मास्क सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया. कोरोना से व्याप्त वैश्विक आर्थिक संकट के इस दौर में भी जीविका दीदियां रोजाना साढ़े छह करोड़ ऋण लौटा रही हैं.

नीरज कुमार ने कहा कि सरकार ने जीविका के संचालन के लिए जहां 4500 करोड़ की मदद की, वहीं जीविका समूहों ने भी 1700 करोड़ की बचत कर बैंको में जमा किया है. इनकी आर्थिक मजबूती यह है कि समूह के सदस्यों को आसान किस्तों पर ऋण उपलब्ध करा रही हैं. इनकी मजबूत वित्तीय साख का परिणाम है कि बैंको से आसानी से वित्तीय सहायता प्राप्त हो रही है.

उन्होंने कहा कि अब मद्य निषेध कार्य के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए जीविका दीदियों का सहयोग लिया जाएगा. साथ ही जीविका दीदियों को मत्स्य पालन से भी जोड़ा जाएगा. इसके अलावा जिन परिवारों को किसी योजना का लाभ नहीं मिला है उन्हें जीविका दीदियों के माध्यम से सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिलाया जाएगा.